National Voters Day History: राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) 25 जनवरी को देश भर में मनाया जाता है.  यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारा वोट ही असल में हमारी ताकत है. अपने देश के नेताओं को चुनने का अधिकार हमारे पास है और इस अधिकार का इस्तेमाल करना हमारी जिम्मेदारी भी है. एनवीडी यह संदेश देता है कि हर वोट मायने रखता है और हम सब मिलकर अपने देश को बेहतर बना सकते हैं.


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History (इतिहास)
चुनाव आयोग की स्थापना की 61वीं वर्षगांठ के अवसर पर 25 जनवरी 2011 को पहला राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया. यह दिन लोगों, विशेषकर युवाओं को चुनावों में एक्टिव रूप से हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया था. मुख्य लक्ष्य मतदाताओं को शिक्षित करना, जागरूकता पैदा करना और आउटरीच एक्टिविटीज में शामिल होना था. चुनाव आयोग लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदान के महत्व पर जोर देना चाहता था.


महत्व
लोकतांत्रिक समाज में मतदान जरूरी भूमिका निभाता है क्योंकि यह नागरिकों को अपने नेताओं को चुनने में सीधे शामिल होने का सबसे बड़ा मंच प्रदान करता है. जब ज्यादा लोग मतदान करते हैं, तो इसका मतलब है कि निर्वाचित अधिकारियों को अधिक जवाबदेह ठहराया जाता है, और यह प्रभारी लोगों के संबंध में जनता के सामूहिक फैसलों को दर्शाता है. इसीलिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस जरूरी है - यह लोकतंत्र में जनता को उनकी ताकत और जिम्मेदारी के बारे में शिक्षित और सूचित करने में मदद करता है.


Theme (थीम)
2024 में राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम है 'वोटिंग जैसा कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से वोट करता हूं' यह थीम पिछले साल की तरह ही आइडिया को फॉलो करती है. यह मतदान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में सच्चा होने के महत्व बताती है, इस बात पर जोर देता है कि हर वोट लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जरूरी भूमिका निभाता है.


Celebration (सेलिब्रेशन)
2011 से, राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को मनाया जाने वाला एक सालाना प्रोग्राम रहा है, जो भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस (25 जनवरी, 1950) के साथ मेल खाता है. यह उत्सव दोहरे उद्देश्य को पूरा करता है: नागरिकों के बीच मतदान के बारे में जागरूकता पैदा करना और नए, योग्य युवाओं को मतदाता के रूप में नामांकित होने में मदद करना. एनवीडी राष्ट्रीय, राज्य, जिला, निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र लेवल पर मनाया जाता है.