69000 UP Assistant Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश के साल 2019 के 69,000 शिक्षक भर्ती मामले पर लोगों की नजरें टिकी हुई हैं. अब एक बार इसे लेकर खबरे सुर्खियों में है. दरअसल, 69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद मामले में कई बार मौके दिए जाने के बावजूद आदेश का अनदेखी करने पर अब हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और सचिव को अब मानना नोटिस जारी किया है. आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला.. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दो महीने बाद भी अभ्यर्थियों को एक अतिरिक्त अंक देने समेत भर्ती की प्रक्रिया पूरी न करने पर हाईकोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया है. मिली जानकारी के मुताबिक मामले में सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वासन भी दिया गया था. 


इन दो अफसरों को मिला नोटिस
69 हजार शिक्षक भर्ती के एक अंक विवाद मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव  एमकेएस सुंदरम और सचिव अपर्णा यू को अवमानना नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश अभ्यर्थी विकास सिंह की याचिका पर दिया. याची के तरफ से कहना था कि 28 नवंबर 2023 को अफसरों की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष दिए गए उस आश्वासन का अभी तक अनुपालन नहीं किया गया. 


जानिए क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में 69 हजार असिस्टेंट टीचर भर्ती परीक्षा में शैक्षिक परिभाषा से जुड़े एक सवाल पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के मुताबिक कैंडिडे्टस की नियुक्तियों का आदेश दिया गया था. इस आदेश के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर कि थी, जो 9 नलंबर को खारिज कर दी गई थी. इसके बाद भी रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. 


दो माह बाद भी नहीं हुआ आदेश का पालन
28 नवंबर 2023 के आदेश के तहत अभ्यर्थियों को एक अतिरिक्त अंक देने समेत दो माह में प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन सरकार की ओर से दिया गया था, हालांकि, दो माह बाद भी इस आदेश का पालन नहीं किया गया, जो कोर्ट के आदेश की अवमानना है. कोर्ट ने दोनों अफसरों को नोटिस जारी कर इस मामले को 11 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध कर पेश करने के आदेश दिए हैं.