Niyojit Teacher News Bihar Today: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट में लिया बड़ा फैसला लिया गया है. बिहार कैबिनेट की बैठक में मंगलवार 26 दिसंबर को बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के एजेंडे पर मुहर लग गई है. इससे चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा.  यह कैबिनेट बैठक 5 दिसंबर के बाद बुलाई गई थी. बता दें, नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी का दर्जा पाते ही वॉलंटरी ट्रांसफर, प्रोमोशन, वेतन बढ़ोतरी, डीए समेत सभी सुविधाओं का मिलेगा लाभ. शिक्षकों को इसके लिए महज मामूली रूप से इसके लिए सक्षमता परीक्षा देनी होगी. वहीं 17 से 18 साल से कार्यरत शिक्षकों को वरीयता का भी लाभ मिल सकता है.


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बीपीएससी से पास नियोजित ऐसे शिक्षकों को एग्जाम से निजात मिलेगी जो मेरिट के साथ-साथ क्वालिफाइंग मार्क्स पूरा कर रहे हैं. वहीं स्पेशल टीचर पद नाम में भी संशोधन किया गया है. अब नियोजित शिक्षक सहायक अध्यापक कहलाएंगे. कैबिनेट की बैठक में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को नीतीश सरकार ने मंजूरी दे दी है. बता दें कि पिछले 2 दशक से नियोजन इकाई से बहाल नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी का दर्जा पाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे.


इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल जाने के बावजूद नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत सभी को तीन बार मौका दिया जाएगा. इसके अलावा जिन नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी परीक्षा पास कर ली है, उन्हें परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी. 


कौन हैं नियोजित शिक्षक: साल 2003 में सरकारी विद्यालयों में शिक्षा मित्रों को रखने का बिहार सरकार ने फैसला लिया था. इस निर्णय से ग्रामीण स्तर पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार का मौका भी मिला और शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सरकारी स्कूलों की समस्या का हल भी निकल गया. वर्तमान नियोजित शिक्षकों में प्राइमरी शिक्षकों को 22 से 25 हजार रुपये महीना मिलते हैं. वहीं माध्यमिक टीचर्स को 22 से 29 हजार रुपये महीना सैलरी मिलती है.