IIT से ग्रुजएट और फिर वहीं बन गईं प्रोफेसर, ऐसा करने वाली बनीं पहली महिला
Preeti Aghalayam IIT: 1996 में एमएस प्राप्त करने के बाद अघलायम अपनी पीएचडी के लिए मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी गईं. उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में एक संकाय और एमआईटी, कैम्ब्रिज में एक पोस्टडॉक्टरल रिसर्सर के रूप में भी पद संभाला है.
IIT Graduate Preeti Aghalayam: आईआईटी ग्रेजुएट और उनकी सक्सेस स्टोरी बहुत असामान्य नहीं हैं. दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों को आईआईटी ग्रेजुएट्स द्वारा लीड किया जा रहा है. जिनकी सक्सेस स्टोरी हैं. केवल कुछ भाग्यशाली आईआईटी पूर्व स्टूडेंट्स को इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने का मौका मिलता है और उनमें से एक पिछले साल ऐसा करने में सक्षम थी. हम जिस आईआईटी ग्रेजुएट के बारे में बात कर रहे हैं, वह डॉ. प्रीति अघालयम हैं, जो किसी आईआईटी में कैंपस डायरेक्टर के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला हैं. डॉ. प्रीति इस कारण पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुईं हैं. डॉ प्रीति ने 2010 में आईआईटी मद्रास से अपने करियर की शुरूआत की. आईआईटी मद्रास ने हाल ही में 35 ग्रेजुएट और 15 पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के साथ ज़ांज़ीबार, तंजानिया में अपना कैंपस खोला है. आईआईटी ग्रेजुएट डॉ. प्रीति अघलायम ज़ांज़ीबार कैंपस की प्रभारी निदेशक हैं. इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने से पहले प्रीति अघलायम आईआईटी मद्रास में प्रोफेसर के पद पर थीं.
1991 में आईआईटी मद्रास से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक के साथ ग्रेजुएट की उपाधि प्राप्त की. ग्रेजुएट होने के बाद, वह न्यूयॉर्क में रोचेस्टर विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में एमएस करने के लिए अमेरिका चली गईं. 1996 में एमएस प्राप्त करने के बाद अघलायम अपनी पीएचडी के लिए मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी गईं. उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में एक फैकल्टी और एमआईटी, कैम्ब्रिज में एक पोस्टडॉक्टरल रिसर्सर के रूप में भी पद संभाला है.
प्रीति एक मैराथन रनर और ब्लॉगर भी हैं. उन्होंने डीजल ऑक्सीडेशन कैटेलिटिक कनवर्टर परफोर्मेंस पर इनलेट मैनिफोल्ड डिजाइन के प्रभावों और सीएफडी का उपयोग करके एससीआर परफॉर्मेंस पर यूरिया इंजेक्शन नॉन यूनफॉर्म के प्रभावों का आकलन करने समेत सब्जेक्ट पर अन्य प्रोफेसरों के साथ कई लेख लिखे हैं. डॉ. अघलायम को प्रिंसिपल स्पेसिफिक एडवाइजर से एसटीईएम में 75 महिलाओं में से एक के रूप में मान्यता भी मिली है.