Rajastahn High Court: राजस्थान हाई कोर्ट ने बुधवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार से स्कूलों में सूर्य नमस्कार की प्रथा लागू करने के अपने आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी.


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कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम फोरम कोई रजिस्टर्ड इंस्टीट्यूट नहीं है. कोर्ट ने कहा, ''कोई संगठन हाई कोर्ट में तभी याचिका दायर कर सकता है जब वह रजिस्टर्ड हो या याचिका व्यक्तिगत रूप से दायर की जा सकती है.''


वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की ओर से भी एक अलग याचिका दायर की गई है. कोर्ट ने कहा कि उनकी याचिका पर 20 फरवरी को सुनवाई होगी.


जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका में कहा गया है कि स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम असंवैधानिक है और यह संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन करता है.


याचिका में यह भी कहा गया है "अनुच्छेद 25 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है. सरकार का यह आदेश व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है." इसे रद्द किया जाना चाहिए, या इसे अनिवार्य रूप से लागू नहीं किया जाना चाहिए और वैकल्पिक रखा जाना चाहिए."


राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि उन्हें इन याचिकाओं की जानकारी नहीं है. "सूर्य नमस्कार कोई धार्मिक गतिविधि नहीं है. दुनिया के कई देशों ने इसे स्वीकार कर लिया है. 21 जून को योग दिवस (Yoga Day) मनाया जाता है. सूर्य नमस्कार एक प्रकार का समग्र योग है. इसमें सभी प्रकार के योग शामिल हैं."


शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग के आदेश सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से लागू होंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा, ''स्कूल आने वाले हर व्यक्ति को सूर्य नमस्कार करना होगा.''