Indian Army Jobs News: जम्मू-कश्मीर बारामूला में भारतीय सेना की भर्ती रैली में कश्मीरी युवाओं की भारी भीड़ देखने को मिली. यहां के गंटमूला इलाके में 161 इन्फैंट्री बटालियन टेरिटोरियल आर्मी द्वारा आयोजित इस रैली में हजारों युवा शामिल हुए. केवल 306 पदों के लिए 20 हजार से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में पहुंचे, जो इस अवसर को अपने सपने को पूरा करने का मौका मानते हैं. हालांकि, कई युवाओं ने पदों की संख्या को लेकर नाराजगी भी जताई.


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पदों की कमी से निराश युवा


युवाओं में इस भर्ती में भाग लेने को लेकर अत्यधिक उत्साह तो था, लेकिन पदों की संख्या कम होने से कुछ युवा असंतुष्ट दिखे. बिलाल अहमद नाम के उम्मीदवार ने कहा, “हमने भर्ती के लिए लंबा इंतजार किया, लेकिन पद बहुत कम हैं. अगर अगले दिन भी भीड़ नहीं संभलती है, तो हमें और तारीखें देनी चाहिए.” यह बेरोजगारी की समस्या को भी दर्शाता है और कई युवाओं ने अधिक रिक्तियों की मांग की.



ठंड में लंबा सफर तय कर पहुंचे युवा


इस रैली में शामिल होने के लिए युवाओं ने ठंड के बावजूद कई किलोमीटर का सफर तय किया और सूरज निकलने से पहले ही असेंबली ग्राउंड में पहुंच गए. इनमें से अधिकतर युवा उच्च शिक्षित हैं, जिनमें ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट शामिल हैं. उनका उद्देश्य सिर्फ रोजगार पाना नहीं है, बल्कि भारतीय सेना में शामिल होकर एक सम्मानपूर्ण जीवन जीना है. इन युवाओं ने इसे अपने सपनों का साकार होने जैसा बताया.


सेना में शामिल होकर देश सेवा का जज्बा


सैयद तौफीक गिलानी ने इस अवसर को लेकर कहा, “तीन साल की मेहनत का नतीजा है कि मैं आज इस रैली में फिट साबित हुआ. देश की सेवा करने का मौका मिलना मेरे लिए गर्व की बात है.” इस भर्ती रैली में शामिल होकर युवाओं ने अपने जुनून और देश सेवा के प्रति समर्पण को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया.


कश्मीरी युवाओं में रोजगार के साथ सेवा का उत्साह


जुबैर अहमद ने बताया कि वह 5 साल से इस भर्ती का इंतजार कर रहे थे. उनके लिए सेना में शामिल होना रोजगार के साथ-साथ अपने देश के प्रति कर्तव्य निभाने का एक मौका भी है. बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए ये रैलियां युवाओं के लिए लाभदायक साबित हो रही हैं और वे अल्लाह से सभी के सफल होने की कामना कर रहे हैं.



सेना में शामिल होने का जुनून


शफात अहमद ने कहा, “बचपन से ही भारतीय सेना में शामिल होने का मेरा सपना था. कई प्रयासों के बाद आज मुझे यह अवसर मिला. इसमें कड़ी मेहनत की जरूरत होती है और हमें अपनी ओर से पूरा प्रयास करना चाहिए.” इन युवाओं ने भारतीय सेना में भर्ती के माध्यम से अपने सपनों को पूरा करने की उम्मीद जताई है और इसे अपनी मेहनत का फल बताया है.


कश्मीर में युवाओं की बदलती मानसिकता


भर्ती रैली में उमड़ी भीड़ यह संकेत देती है कि कश्मीर में युवाओं की सोच में बदलाव आ रहा है. आतंकी हमलों के बीच भी इन युवाओं का सेना में शामिल होना उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है. अब कश्मीरी युवा सम्मान की जिंदगी की तलाश में हैं और सेना में शामिल होकर देश की रक्षा करना चाहते हैं.