IAS Yashni Nagarajan: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा इतनी टफ होती हैं कि इसकी तैयारी के लिए ज्यादातर लोग दुनियादारी भूल जाते हैं और दिन-रात पढ़ाई में डूबे रहते हैं. वहीं, आज हम आपको एक ऐसी आईएएस ऑफिसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने नौकरी के साथ-साथ ही इस परीक्षा में कामयाबी हासिल की और आज देश के सबसे प्रतिष्ठित नौकरियों में से एक आईएएस के पद पर पोस्टेड हैं. हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर यशनी नागराजन की. आइए जानते हैं कैसा रहा ऑफिसर का यहां तक का सफर...


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फुल टाइम जॉब के साथ की तैयारी
यशनी नागराजन 2019 बैच की महाराष्ट्र कैडर की आईएएस ऑफिसर हैं. यशनी नागराजन ने टाइम मैनेजमेंट और विषयों का सही चुनाव कर इस परीक्षा में फुल टाइम नौकरी करते हुए कामयाबी पाई है. उस समय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी करते हुए न केवल परीक्षा में क्वालिफाई किया, बल्कि 59वीं रैंक हासिल करके आईएएस बनने का सपना पूरी किया. इस समय आईएएस यशनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अतिरिक्त सचिव के तौर पर कार्यरत हैं.


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जानिए कितनी की है पढ़ाई
यशनी की शुरुआती शिक्षा आंध्र प्रदेश के नाहरलगुन स्थित केंद्रीय विद्यालय से हुई है. इसके बाद 2014 में उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, युपिया से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिग्री ली. पढ़ाई पूरी करने के बाद ही उनका रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में ग्रेड बी अधिकारी के तौर पर चयन हो गया और वह आईएएस बनने तक वहीं पर सेवारत रहीं.


रोज जॉब के बाद 4-5 घंटे की तैयारी
एक इंटरव्यू के दौरान यशनी ने बताया कि आरबीआई में नौकरी के साथ ही जब उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेस के लिए तैयारी शुरू की, तब कई लोगों ने उन्हें जॉब छोड़ने की सलाह भी दी थी, लेकिन उन्होंने ना तो उन्होंने लंबी स्टडी लीव ली और ना ही अपनी नौकरी छोड़ी. ऑफिस से घर लौटने के बाद वह रोजाना 4 से 5 घंटे यूपीएससी की तैयारी करती थीं. छुट्टियों के दौरान वह 12-14 घंटे पढ़ाई करती थीं. 


उनके मुताबिक बेहतर टाइम मैनेजमेंट हर बड़ी चुनौती से लड़ने में कारगर है. वहीं, नौकरी के साथ तैयारी करने से एग्जाम का स्ट्रेस कम होता है. उनका मानना है कि नौकरी के साथ तैयारी करने से आपको यह भरोसा मिवता है कि करियर को लेकर फिक्र करने जरूरत नहीं है और आपको लक्ष्य के प्रति बिना स्ट्रेस फोकस करने में मदद करता है.


खुद पर भरोसा कर करें विषय का चुनाव
यशनी कहती हैं कि पहले उन्होंने गलत विषय चुना और शुरूआती असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में पसंदीदा विषय से उन्हें मंजिल पाने में मदद मिली. यशनी के मुताबिक ऑब्शनल सबजेक्ट्स के अलावा Essay राइटिंग और एथिक्स पेपर ज्यादा स्कोर करने में मददगार साबित हो सकते हैं.


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