Mufti Mohammad Ismail win Malegaon central: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का खाता खुल गया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल अब्दुल खालिक ने मालेगांव सेंट्रल सीट 162 वोटों से जीत ली है. मालेगांव सेंट्रल सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा. अंत में यहां से मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल ने अपने प्रतिद्वंद्वी इंडियन सेक्युलर लार्जेस्ट असेंबली महाराष्ट्र के आसिफ शेख राशीद को हरा दिया.


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जीत पर ओवैसी की बधाई
इस जीत पर AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बधाई दी है. एक्स पर पोस्ट किया 'मुफ़्ती इस्माइल साहब को दूसरी बार मालेगांव विधायक चुने जाने पर बधाई’ मैं महाराष्ट्र के लोगों का शुक्रगुज़ार हूं, जिन्होंने हमें बड़ी संख्या में वोट दिया. हमारे उम्मीदवारों, पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से मेरा आग्रह है कि आप हिम्मत न हारें और नए संकल्प के साथ काम करें. चुनाव के नतीजे बताते हैं कि लोग एक वास्तविक राजनीतिक विकल्प की तलाश में हैं और मजलिस ने महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी जगह बना ली है.



हारे का बढ़ाया हौंसला
औवेसी ने अपने पार्टी से हारे हुए उम्‍मीदवारों का हौंसला बढ़ाते हुए लिखा 'शाह फारुक अनवर और और अतीक अहमद खान ने खास तौर पर अपनी सीटों पर कड़ी टक्कर दी और इंशाअल्लाह उनकी दृढ़ता भविष्य में रंग लाएगी. सैयद इम्तियाज जलील की हार पर औवेसी ने कहा कि सैयद इम्तियाज जलील ने पार्टी को एक कठिन लड़ाई में आगे बढ़ाया और उनकी खुद की सीट भी आसान नहीं थी. लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि वह फिर से वापसी करेंगे इंशाअल्लाह. इम्तियाज जलील एक आम राजनेता नहीं हैं और मुझे यकीन है कि यह उनकी राजनीतिक यात्रा में एक छोटी सी बाधा मात्र है.


इतरा क्यों रहे हैं औवेसी?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने16 उम्मीदवारों को उतारा था, जिसमें मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल अब्दुल खालिक ने हाल ही में गठित भारतीय धर्मनिरपेक्ष महाराष्ट्र की सबसे बड़ी विधानसभा (इस्लाम) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आसिफ शेख रशीद पर 162 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की. यानी पाटी ने अपना खाता खोल लिया है. तभी तो औवेसी ने कहा है कि महाराष्ट्र के लोगों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने हमें बड़ी संख्या में वोट दिया.हमारे उम्मीदवारों, पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप हिम्मत न हारें और नए संकल्प के साथ काम करें. अगर कुछ भी हो, तो चुनाव परिणाम दिखाते हैं कि लोग एक वास्तविक राजनीतिक विकल्प की तलाश कर रहे हैं और मजलिस ने महाराष्ट्र की राजनीति में खुद को स्थापित कर लिया है.”