J-K में हो गया `खेला`! जमात से इंजीनियर राशिद की पार्टी ने मिलाया हाथ, बढ़ गई NC-कांग्रेस गठबंधन की टेंशन
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Engineer Rashid: अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) चुनाव पूर्व गठबंधन करने के लिए एक साथ आए हैं और वे इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक रणनीतिक गठबंधन बता रहे हैं. जहां जमात चार दशकों के लंबे अंतराल के बाद चुनाव लड़ रही है, वहीं अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) भी पहली बार घाटी में अपने उम्मीदवार उतार रही है.
सैयद खालिद हुसैन: जम्मू-कश्मीर की सियासत में एक नया मोड़ आया है. इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जमात-ए-इस्लामी उम्मीदवारों के साथ गठबंधन किया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेताओं का आरोप है कि ये गठबंधन भाजपा के इशारे पर किया गया है, जो वोटों को बांटना चाहते हैं.
अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) चुनाव पूर्व गठबंधन करने के लिए एक साथ आए हैं और वे इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक रणनीतिक गठबंधन बता रहे हैं. जहां जमात चार दशकों के लंबे अंतराल के बाद चुनाव लड़ रही है, वहीं अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) भी पहली बार घाटी में अपने उम्मीदवार उतार रही है. रशीद जो बेल पर बाहर आने के बाद क्षेत्रीय दलों के लिए चुनौती बन गया था, अब इस गठबंधन से यह चुनौती दोगुनी हो गई है.
NC-कांग्रेस गठबंधन की बढ़ गई टेंशन
एआईपी प्रतिनिधिमंडल की संयुक्त बैठक का नेतृत्व सांसद राशिद ने किया, जबकि जमात प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गुलाम कादिर वानी ने किया. विचार-विमर्श के बाद यह सहमति बनी कि एआईपी कुलगाम और पुलवामा में जमात समर्थित उम्मीदवारों का समर्थन करेगी.
इसी तरह, जमात पूरे कश्मीर में एआईपी उम्मीदवारों का समर्थन करेगी. जिन क्षेत्रों में एआईपी और जमात दोनों ने उम्मीदवार उतारे हैं, वहां गठबंधन ने दोस्ताना मुकाबले के लिए सहमति जताई है, खासकर लंगेट, देवसर और जैनापोरा जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में.
राशिद बोले- उत्पीड़न के खिलाफ लड़ेंगे
इंजीनियर राशिद ने कहा, 'हमने श्रीनगर में जमात सदस्यों के साथ बैठक की और बैठक के बाद हमने संयुक्त बयान दिया है कि हम उन जगहों पर एक-दूसरे का समर्थन करेंगे, जहां उन्होंने उम्मीदवार उतारे हैं और वे हमारी मदद करेंगे, जहां हमारे उम्मीदवार लड़ रहे हैं. यह फैसला केवल एकजुट होने और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने के लिए लिया गया है.'
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के साथ जमात सदस्यों के गठबंधन की आलोचना की है. उमर ने कहा कि यह कश्मीर में वोट विभाजित करने की साजिश है ताकि बीजेपी मजबूत हो.
अब्दुल्ला बोले- तार कहीं और जुड़े हुए हैं
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'तार कहीं और से जुड़े हुए हैं, उन्हें कहीं और से निर्देश मिल रहे हैं. वे कठपुतली हैं, जिन्हें कहीं और से चलाया जा रहा है. उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस को निशाना बनाने के लिए मैदान में उतारा गया है और नेशनल कॉन्फ्रेंस उनका सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है.'
अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और जमात ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक साथ आने के बाद, एनसी और पीडीपी जैसी स्थापित क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों के लिए एक नई चुनौती पैदा कर दी है. कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया में हर गुजरते दिन के साथ नए ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं. पहले जो मुकाबला नेकां-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी के बीच दिख रहा था अब वो कश्मीर के क्षेत्रीय दलों के बीच बनता दिख रहा है.