Jharkhand Election News: झारखंड विधानसभा चुनाव में हेलीकॉप्टर विवाद की एंट्री हुई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सोमवार को दावा किया कि उसके स्टार प्रचारक और सीएम हेमंत सोरेन के हेलीकॉप्टर को उड़ाने भरने नहीं दिया गया. JMM ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी के सुरक्षा प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए, चुनाव आयोग ने डेढ़ घंटे तक सोरेन के हेलीकॉप्टर को उड़ने की इजाजत नहीं दी. झामुमो ने विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग की है.


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क्यों डेढ़ घंटे तक रुका रहा हेमंत सोरेन का हेलीकॉप्टर?


झामुमो प्रवक्ता प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे पत्र में कहा, 'हमारे स्टार प्रचारक हेमंत सोरेन अपराह्न 1:45 बजे पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी में एक सभा करने के बाद दोपहर 2:25 बजे सिमडेगा के बाजार टांड़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करने वाले थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए दोपहर 2:40 बजे चाईबासा में रहना था. गुदरी और चाईबासा के बीच की दूरी 80 किलोमीटर है जबकि सिमडेगा की दूरी 90 किलोमीटर है. निर्वाचन आयोग ने सोरेन के दौरे को अपनी मंजूरी दी थी. लेकिन प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल का हवाला देकर मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को डेढ़ घंटे तक रोके रखा गया.'



विवाद क्यों?


पार्टी ने कहा पीएम मोदी के गढ़वा और चाईबासा दौरे के कारण ‘नो-फ्लाई जोन’ घोषित किया गया था. भट्टाचार्य के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा था कि सुरक्षा कारणों से 50 किलोमीटर के दायरे में 15 मिनट के लिए नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया जा सकता है. लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सोरेन के हेलीकॉप्टर को 90 मिनट से ज़्यादा समय तक उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई.


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सोरेन के आदिवासी होने का हवाला


राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे पत्र में JMM नेता ने लिखा, 'हमारे मुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय से आते हैं और काफी संघर्ष के बाद इस पद पर पहुंचे हैं. आप भी आदिवासी समुदाय से हैं और लंबे संघर्ष के बाद देश के सर्वोच्च पद पर पहुंची हैं.' उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि आदिवासी जनप्रतिनिधियों सहित सभी स्टार प्रचारकों को समान संवैधानिक संरक्षण और सम्मान मिले.


पीएम की सुरक्षा पर राजनीति: बीजेपी


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, 'हमेशा से सुरक्षा के कारणों से ऐसा किया जाता है और यह आज से नहीं बल्कि काफी समय पहले से किया जा रहा है. प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं उस क्षेत्र को अन्य लोगों के लिए तबतक नॉ फ्लाइंग ज़ोन करके रखा जाता है जबतक की प्रधानमंत्री वहां से वापस निकल न जाएं. प्रधानमंत्री के अलावा किसी के हेलिकॉप्टर को उड़ने की इजाज़त नहीं होती जब वे वहां मौजूद होते हैं.'


असम CM और झारखंड BJP विधानसभा चुनाव के सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'प्रधानमंत्री देश के सर्वेसर्वा अधिकारी हैं. उनकी सुरक्षा के लिए इंतज़ाम किए जाते हैं. जब भी PM कहीं जाते हैं तो वहां पर कुछ समय के लिए एयर ट्राफिक को ब्लॉक किया जाता है... अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा के विषय को भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजनीति का विषय बनाते हैं तो इससे प्रतीत होता है कि वे कितना घबरा गए हैं...'


झारखंड में विधानसभा चुनाव दो चरणों में - 13 नवंबर और 20 नवंबर - को होंगे. वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी. (भाषा इनपुट)