Banda Lok Sabha Election 2024: यूपी में बुंदेलखंड क्षेत्र का एक प्रमुख जिला है बांदा, जो केन नदी के किनारे बसा है. बामदेव (वामदेव) ऋषि की तपोभूमि आगे चलकर बामदा फिर बांदा कहलाई. लखनऊ से करीब 200 किमी दूर बांदा में कालिंजर का किला समेत कई ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल हैं. यहां से अभी भाजपा के आरके पटेल सांसद हैं. क्षेत्र के सभी विधायक भी भाजपा से ही जीते हैं. यहां की जनता समय-समय पर अलग-अलग पार्टी को जिताती रही है. इस बार भाजपा ने अपनी पहली सूची में ही बांदा के सांसद पर फिर से भरोसा जताते हुए आरके पटेल को टिकट दे दिया है. वह पहले सपा में थे. भाजपा में आकर विधायक बने, अब सांसद हैं. 


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बांदा लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट


यूपी की बांदा सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग हुई. कुल 59.70 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले. नतीजे 4 जून को आएंगे. 


बांदा लोकसभा सीट से उम्मीदवार
भाजपा आरके पटेल
सपा शिवशंकर पटेल

 


बांदा-चित्रकूट लोकसभा सीट में बांदा की तीन विधानसभाएं नरैनी, सदर और बबेरू हैं जबकि चित्रकूट जिले की दो विधानसभा मानिकपुर और चित्रकूट शामिल हैं. 


बांदा के सांसद आरके पटेल के बारे में जानिए


- आरके पटेल पहले कर्वी में कालीन का कारोबार करते थे. कांशीराम और मायावती से प्रेरित होकर बसपा में चले गए.


- 1992 में पहला विधानसभा चुनाव कर्वी से लड़ा था पर हार गए. 1996 में बसपा से ही विधायक बने और मायावती सरकार में मंत्री रहे.


- 2007 में सपा में चले गए, पर विधानसभा चुनाव हार गए. 2009 में सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते.


- 2014 में भाजपा उम्मीदवार से हार गए. आगे माहौल भांपकर 2017 में भाजपाई हो गए. अब दूसरी बार उन्हें भाजपा ने टिकट दिया है. 


जातीय समीकरण


बांदा में आमतौर पर कुर्मी और सवर्ण दावेदारों के बीच मुकाबला देखा जाता रहा है. सपा ने पहले ही शिवशंकर पटेल (Shiv Shankar Patel vs RK Patel) को उतार दिया था, ऐसे में इस बार भाजपा से प्रत्याशी बदलने की अटकलें लगाई जा रही थीं. हालांकि आरके पटेल को टिकट मिलने से कई संभावित उम्मीदवारों के समीकरण गड़बड़ा गए. बांदा सीट पर 17 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. पिछली बार 50 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से भाजपा ने यहां जीत हासिल की थी. 


पटेल vs पटेल की फाइट


हां, भाजपा के सामने सपा से वही शिवशंकर पटेल मैदान में हैं, जिन्हें कुछ समय पहले भाजपा ने पार्टी से बाहर कर दिया था. अखिलेश यादव ने उन्हें सपा में शामिल कर लिया. दरअसल, शिवशंकर पटेल भाजपा में रहते हुए बागी हो गए थे. बताया जाता है कि चुनाव में वह पत्नी के लिए टिकट चाह रहे थे, नहीं मिला तो निर्दलीय लड़ा दिया. 


बांदा से कब कौन जीता
1957 दिनेश सिंह- कांग्रेस
1962  सवित्री निगम - कांग्रेस
1967  जागेश्वर यादव - भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1971  रामरतन शर्मा - भारतीय जनसंघ
1977  अंबिका प्रसाद पांडे - जनता पार्टी
1980  रामनाथ दुबे - कांग्रेस
1984  भीष्म देव दुबे - कांग्रेस
1989  राम सजीवन - भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1991  प्रकाश नारायण त्रिपाठी - भाजपा
1996  राम सजीवन - बसपा
1998  रमेश चंद्र द्विवेदी - भाजपा 
1999  राम सजीवन - बसपा
2004  श्यामा चरण गुप्ता - सपा
2009  आरके सिंह पटेल - सपा
2014  भैरो प्रसाद मिश्र - भाजपा
2019  आरके सिंह पटेल - भाजपा

बांदा का इतिहास यहां पढ़िए