Nitish Cabinet Expansion News: बीजेपी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाने के बाद शुक्रवार को नीतीश सरकार का पहली बार विस्तार हुआ. इस दौरान जेडीयू और बीजेपी कोटे से कुल 21 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. शपथ लेने वालों में जेडीयू कोटे से 9 और बीजेपी कोटे से 12 विधायक ( विधान पार्षद सहित) शामिल थे. मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे खास बात ये रही कि बीजेपी के पांच विधान परिषद सदस्यों को भी कैबिनेट में जगह दी गई. यह अपने आप में आश्चर्यजनक है.


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यादव साफ, भूमिहार हुए हाफ!


वहीं समाजिक समीकरण की बात करें तो बीजेपी ने मंत्रिमंडल से यादवों को साफ कर दिया है, जबकि अपने कोर वोटर भूमिहारों को हाफ कर दिया है. 2020-21 में एनडीए सरकार बनने पर जहां यादव कोटे से रामसूरत राय को मंत्री बनाया गया था और भूमिहार जाति से विधानसभा अध्यक्ष (विजय सिन्हा) के अलावा जीवेश कुमार मंत्री बनाए गए थे. लेकिन इस बार सिर्फ एक ही मंत्री (डिप्टी सीएम) से भाजपा के कोर वोटरों (भूमिहार) को संतोष करना पड़ रहा है. 


डिप्टी सीएम पद देकर हिस्सेदार हुई खत्म


बताया जाता है कि बीजेपी ने जहां नंदकिशोर यादव को विस अध्यक्ष बनाकर मंत्री का कोटा साफ कर दिया. वहीं विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी देकर भूमिहारों की हिस्सेदारी खत्म कर दी. दूसरी जातियों की बात करें तो रेणु देवी- अति पिछड़ा, मंगल पांडेय- ब्राह्मण, नीरज कुमार सिंह-राजपूत, नीतीश मिश्रा- ब्राह्मण, नितिन नवीन- कायस्थ, दिलीप जायसवाल- वैश्य, हरि सहनी- सहनी (अति पिछड़ा), जनक राम- महादलित, कृष्णंदन पासवान- दलित, केदार प्रसाद गुप्ता-वैश्य, संतोष कुमार सिंह-राजपूत, सुरेन्द्र मेहता- अति पिछड़ा(धानुक) जाति से आते हैं. 


हरि सहनी-अति पिछड़ा (सहनी) मंत्री बनाए गए हैं. इस तरह से बीजेपी ने ब्राह्मण जाति से 2, राजपूत से 2, दलित-महादलित से 2, वैश्य से 2, कायस्थ-1, अति पिछड़ा जाति से 3 मंत्री बनाए हैं.


बीजेपी ने 5 एमएलसी को बनाया मंत्री


बीजेपी ने विधान परिषद के पांच सदस्यों को मंत्री बनाया है. इनमें मंगल पांडेय, दिलीप जायसवाल, जनक राम, हरि सहनी,संतोष कुमार सिंह शामिल हैं. जबकि बीजेपी कोटे से सात विधायक मंत्री बने हैं. पहले से ही सम्राट चौधरी जो विधान परिषद के सदस्य हैं वे डिप्टी सीएम के रूप में काम कर रहे हैं. इस तरह से भाजपा के 6 विधान पार्षद मंत्री बनाए गए है.


जेडीयू कोटे से 4 दलित समाज से


जेडीयू कोटे के नेताओं की जाति के बारे में बात करें तो अशोक चौधरी- दलित, लेशी सिंह-राजपूत, महेश्वर हजारी- पासवान, सुनील कुमार-दलित, शीला कुमारी- अति पिछड़ा, जयंत राज-कुशवाहा, रत्नेश सदा-दलित, मदन सहनी-सहनी, जमा खान- मुस्लिम हैं. इस तरह से जेडीयू कोटे से जिन 9 नेताओं को मंत्री बनाया गया है उनमें चार दलित-महादलित समाज से आते हैं.