Churu Lok Sabha Chunav Result 2024​: लोकसभा 2024 चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है और अब तमाम पार्टियां पूरी तरह चुनावी दंगल में उतर चुकी हैं. 19 अप्रैल से शुरू होकर सात चरणों में लोकसभा के लिए वोट डाले जाएंगे. राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों के लिए 2 चरणों में वोट पड़ेंगे. आज हम आपको चूरू लोकसभा सीट के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एक जनरल कैटेगरी की सीट है. इसमें पूरा चूरू जिला और हनुमानगढ़ जिले का कुछ हिस्सा आता है. इस सीट पर साक्षरता दर 56.83 है. आंकड़े देखें तो इस सीट पर सबसे ज्यादा आबादी अनुसूचित जाति (एससी) और मुस्लिमों की है. दोनों की आबादी को मिला दिया जाए तो यह करीब 31.7 फीसदी बैठेगा.


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चुरू लोकसभा सीट के तहत 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. ये हैं- भादरा, सादुलपुर, तारानगर, सरदारशहर, चूरू, रतनगढ़, सुजनगढ़ (एससी). इस बार बीजेपी ने चूरू लोकसभा सीट से देवेंद्र झझारिया को टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस की तरफ से राहुल कासवान मैदान में हैं. गौर करने वाली बात ये है कि 2019 और 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल कासवान बीजेपी के टिकट से जीतकर संसद पहुंचे और अब वह कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं. 


सीट पर क्या समीकरण हैं?


इस सीट पर सबसे ज्यादा 22.3 फीसदी आबादी है अनुसूचित जाति के वोटर्स की. इसके बाद नंबर आता है मुस्लिम वोटर्स का, जिनकी तादाद 9.4 फीसदी है. सिख आबादी यहां 3.08 फीसदी, अनुसूचित जनजाति 0.6 फीसदी, जैन 0.3 फीसदी, बौद्ध 0.01 फीसदी. 


साल 2011 की जनगणना के मुताबिक अनुसूचित जाति के वोटर्स की तादाद इस सीट पर 448,154 है. जबकि अनुसूचित जनजाति के वोटर्स की 12,058. वोटर लिस्ट के अनुसार मुस्लिम वोटर्स की तादाद 188,864 है. चूरू लोकसभा सीट पर ग्रामीण वोटर्स की संख्या 1,519,301 है यानी करीब 75.6 प्रतिशत. शहरी वोटर्स की तादाद 490,357 है, जो करीब 24.4 फीसदी बैठती है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां कुल वोटर्स की संख्या 2009658 है. पिछले चुनाव में सीट  पर वोट प्रतिशत 65.4 प्रतिशत था.   


कब कौन बना सांसद


इस सीट पर सबसे पहली बार 1977 में वोट डाले गए थे. उससे पहले चूरू लोकसभा सीट अस्तित्व में ही नहीं थी. 1977 में यहां से जनता पार्टी और 1980 में जनता पार्टी (सेक्युलर) के टिकट पर के दौलत राम शरण जीते. 1984 में कांग्रेस के मनोहर सिंह राठौर, 1989 में जनता दल से दौलत राम शरण, 1991 में बीजेपी के राम सिंह कासवान, 1996 और 1998 में कांग्रेस के नरेंद्र बुधानिया को जीत मिली. 1999, 2004 और 2009 में बीजेपी से राम सिंह कासवान जीते  इसके बाद 2014 और 2019 में राहुल कासवान को यहां से जीत मिली. यानी 1999 से 2019 तक यह सीट बीजेपी का गढ़ रही है.