Dausa Lok Sabha Chunav Result 2024 2024: राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर 2 चरणों में चुनाव होना है. 12 सीटों के लिए पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे जबकि बाकी की 13 सीटों पर दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. इन्हीं लोकसभा सीटों में से एक है दौसा लोकसभा सीट. यह एक अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सीट है. इसमें पूरा दौसा जिला, अलवर और जयपुर का कुछ हिस्सा आता है. इस सीट पर साक्षरता दर 59.53 फीसदी है. इस सीट पर सबसे ज्यादा आबादी अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) की है.


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दौसा लोकसभा क्षेत्र के तहत 8 विधानसभा सीटें आती हैं, ये हैं- बस्सी (एसटी), चाकसू (एससी), थानागाजी, बांदीकुई, महुवा, सिकराय (एससी), दौरा, लालसोट (एसटी). यह सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है और अधिकतर बार कांग्रेस उम्मीदवार ही इस सीट पर जीते हैं. कांग्रेस के कद्दावर नेता राजेश पायलट 5 बार सांसद रहे हैं. इसके बाद सचिन पायलट भी यहां से सांसद रहे हैं. बीजेपी ने इस सीट से कन्हैया लाल मीणा और कांग्रेस ने मुरारी लाल मीणा को टिकट दिया है. 


दौसा लोकसभा चुनाव रिजल्ट


सीट पर क्या है समीकरण?


इस सीट पर सबसे ज्यादा 25.9 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति (एसटी) की है. इसके बाद 21.1 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. मुस्लिमों की तादाद 2.3 फीसदी, बौद्ध 0.03 प्रतिशत, ईसाई 0.08 फीसदी, जैन 0.5 फीसदी और सिख 0.31 फीसदी है. 


साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, अनुसूचित जाति की आबादी यहां 362,925 है, जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 445,487 है. मुस्लिमों की आबादी वोटर लिस्ट के मुताबिक 38,987 है. दौसा लोकसभा क्षेत्र में ग्रामीण आबादी 1,523,943 (88.6 फीसदी) है. जबकि शहरी वोटर्स की संख्या 196,083 (11.4 फीसदी) है. 2019 लोकसभा के दौरान दौसा लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर्स की तादाद 1720026 थी. पिछले चुनाव में यहां 61.1 फीसदी वोट पड़े थे. 


कब कौन बना सांसद?


साल 1952 में कांग्रेस के राज बहादुर जीते जबकि 1957 में जीडी सोमानी को जीत मिली. 1962 में स्वतंत्र पार्टी के पृथ्वी राज और 1967 में इसी पार्टी के आरसी गणपत को जीत मिली. 1968 के उपचुनावों और 1971 में कांग्रेस के नवल किशोर शर्मा को जनता ने जिताकर संसद भेजा. 1977 में जनता पार्टी के नत्थू सिंह गुर्जर यहां से जीते. 1980 में कांग्रेस के नवल किशोर शर्मा जीतकर संसद पहुंचे. 1984 में कांग्रेस के कद्दावर नेता राजेश पायलट को विजय मिली. इसके बाद बीजेपी के नत्थू सिंह गुर्जर 1989 में जीते. इसके बाद 1991, 1996,1998 और 1999 में लगातार राजेश पायलट को जीत मिली. 2000 में उपचुनाव हुए और कांग्रेस के रामा पायलट को जीत मिली. 2004 को सचिन पायलट जीते. 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार किरोड़ी लाल मीणा को जनता ने जीत दिलाई. 2014 में बीजेपी से हरीश मीणा और 2019 में बीजेपी की जसकौर मीणा  विजयी हुईं.