Gopalganj Lok Sabha Chunav Result 2024: एनडीए या इंडी गठबंधन किसको मिलेगी जीत, वोटों की गिनती जारी  


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2024: बिहार के 40 लोकसभा सीटों में एक गोपालगंज उत्तर प्रदेश के देवरिया और कुशीनगर जिले की सीमा से लगा हुआ है. गंडक नदी के किनारे बसे गोपालगंज की पूरी अर्थव्यवस्था खेती पर निर्भर है. लोकसभा चुनाव 2009 से यह गोपालगंज सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. गन्ना की खेती के लिए मशहूर गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है.


देश में पहले आम चुनाव 1952 से लेकर 1980 तक गोपालगंज सीट से लगातार कांग्रेस के उम्मीदवार जीतते रहे. 1952 और 1957 में दो बार कांग्रेस के सैयद महमूद और 1962 से 1977 तक लगातार चार बार कांग्रेस के द्वारिकानाथ तिवारी सांसद चुने गए. इसके बाद 1980 में कांग्रेस के नगीना राय सांसद बने. हालांकि, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में सहानुभूति लहर के बावजूद कांग्रेस गोपालगंज सीट नहीं जीत सकी थी.


गोपालगंज ने बिहार को दिए तीन मुख्यमंत्री, अब तक नहीं चुनी गई कोई महिला सांसद


तीन पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का गृह जिला गोपालगंज छह विधानसभा सीट बैकुंठपुर, गोपालगंज, बरौली,  कुचायकोट, हथुआ और भोरे को मिलाकर लोकसभा क्षेत्र बना है. आपराधिक वारदातों के लिए चर्चित गोपालगंज सीट से आज तक कोई महिला सांसद नहीं चुनी गई है. छह विधानसभा सीटों में से चार बैकुंठपुर, बरौली, भोरे (सुरक्षित), हथुआ (पूर्व में मीरगंज विधानसभा) का भी यही हाल है. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे के मुताबिक, गोपालगंज की छह विधानसभा सीटों में राजद, जदयू और भाजपा तीनों के पास दो-दो सीटें हैं.


गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र की डेमोग्राफी और जातीय समीकरण की चुनाव में बड़ी भूमिका


डेमोग्राफी की बात करें तो गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 2010682 है. इनमें पुरुष वोटर 1020633  और महिला मतदाताओं की संख्या 989969 इस सीट पर थर्ड जेंडर के 80 और 22,988 फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं. गोपालगंज सुरक्षित सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो मुस्लिम और यादव के अलावा राजपूत, ब्राह्मण और भूमिहार जाति के वोटरों का दबदबा है. वैश्य, कुर्मी, कुशवाहा और महादलित वोटर्स की गोलबंदी लोकसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करती है. हालांकि, उम्मीदवारों को तय करने में राजनीतिक दलों के पसीने छूट जाते हैं.


गोपालगंज में 1980 के बाद किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवार को रिपीट नहीं किया


लोकसभा चुनाव 2009 में गोपालगंज सीट से जदयू के पूर्णमासी राम सांसद चुने गए थे. इसके बाद 2014 में मोदी लहर में पहली बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जनक राम सांसद चुने गए. लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू के उम्मीदवार आलोक कुमार सुमन गोपालगंज के सांसद बने. कहा जाता है कि 1980 के बाद से गोपालगंज लोकसभा सीट पर किसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार को रिपीट नहीं किया. हालांकि, मौजूदा सांसद इसे बदले जाने का दावा कर रहे हैं. इस बार एनडीए में सिटिंग एमपी के तर्क से जदयू का दावा गोपालगंज पर है. वैसे, एनडीए हो या इंडिया गठबंधन किसी ने सीटों का समझौता या उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं किया है. 


गोपालगंज लोकसभा सीट से अब तक चुने गए सांसदों की सूची


1952: सैयद महमूद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1957: सैयद महमूद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962: द्वारिका नाथ तिवारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: द्वारिका नाथ तिवारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971: द्वारिका नाथ तिवारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: द्वारिका नाथ तिवारी, जनता पार्टी
1980: नगीना राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984: काली प्रसाद पांडे, स्वतंत्र
1989: राज मंगल मिश्रा, जनता दल
1991: अब्दुल गफ़ूर, राष्ट्रीय जनता दल
1996: लाल बाबू प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल
1998: अब्दुल गफ़ूर, समता पार्टी
1999: रघुनाथ झा, समता पार्टी
2004: अनिरुद्ध प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल
2009: पूर्णमासी राम, जनता दल (यूनाइटेड)
2014: जनक राम, भारतीय जनता पार्टी
2019:. डॉ.आलोक कुमार सुमन, जनता दल यूनाइटेड