Hamirpur Lok Sabha Election 2024: हमीरपुर में सफल हुआ भाजपा का दांव, बीजेपी नहीं लाहा पाई हैट्रिक
Hamirpur Lok Sabha Election 2024 News: यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से एक हमीरपुर भी है. यहां मोदी लहर में भाजपा जीतती आई है. पिछली बार की एक गलती को सुधारते हुए सपा ने पीडीए फॉर्मूले पर काफी पहले ही कैंडिडेट उतार दिया है. कांग्रेस के इस बार साथ होने से क्या सपा के लिए कोई उम्मीद बन पाएगी या भाजपा यहां से भी हैट्रिक लगाने वाली है?
Hamirpur Lok Sabha Election 2024: कानपुर और महोबा के बीच बसा है लाल रेत की भूमि वाला हमीरपुर जिला. यहां की लोकसभा सीट भी इसी नाम से है. हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से भ्रमित मत होइएगा. 2011 की जनगणना के अनुसार यह महोबा और चित्रकूट के बाद यूपी का तीसरा सबसे कम जनसंख्या वाला जिला है. यमुना और बेतवा दो प्रमुख नदियां यहां मिलती हैं. आजादी के बाद यहां कांग्रेस का दबदबा रहा. 1977 लोकसभा चुनाव के बाद थोड़ी हवा बदली. आखिरकार 1991 में राम लहर में भाजपा ने यहां कमल खिलाया. 1999 में आकर बसपा ने सीट छीनी, आगे सपा को भी मौका मिला लेकिन 2014 से भाजपा के पास हमीरपुर लोकसभा सीट है. (हमीरपुर जिले का मैप देखें)
हमीरपुर लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट
यूपी की हमीरपुर सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग हुई. यहां कुल 60.60 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. नतीजे 4 जून को आएंगे.
दो बार से जीत रहे पुष्पेंद्र सिंह
पिछले दोनों चुनावों में भाजपा से पुष्पेंद्र सिंह चंदेल जीते. पिछली बार बसपा दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर थी जबकि 2014 में सपा दूसरे स्थान पर थी. ऐसे में इस बार कांग्रेस से गठबंधन कर सपा को इस सीट से जरूर उम्मीदें होंगी. उसने काफी पहले अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया. यह भी जान लीजिए हमीरपुर के नेता अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग उठाते रहे हैं. भाजपा सांसद ने भी एक साल पहले कहा था कि एमपी और यूपी के कुछ हिस्सों को अलग कर नया बुंदेलखंड राज्य बनाना चाहिए. उनका तर्क था कि यह एक विशेष क्षेत्र है, जिसकी अपनी संस्कृति है. इस बार भी भाजपा ने पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को ही टिकट दिया है.
सपा ने सुधारी पुरानी गलती!
जी हां, PDA फॉर्मूले को साधते हुए अखिलेश यादव ने हमीरपुर लोकसभा सीट से अजेंद्र सिंह राजपूत को टिकट दिया है. उनके पिता जनसंघ और कांग्रेस से विधायक रहे हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने अजेंद्र को टिकट दिया था लेकिन दूसरे दिन प्रत्याशी बदल दिया. इससे लोधी समाज में गलत मैसेज गया और सपा विधानसभा चुनाव यहां से हार गई थी.
हमीरपुर का जातीय समीकरण
- जिले में लोधी वोटरों की संख्या ज्यादा है. पिछले विधानसभा चुनाव की गलती सुधारते हुए सपा ने पहले ही लोधी समुदाय से आने वाले नेता को टिकट दे दिया है.
- हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी लोकसभा सीट में कुल पांच विधानसभाएं आती हैं. इसमें हमीरपुर, राठ, महोबा, चरखारी और तिंदवारी शामिल हैं.
- वोटरों की कुल संख्या करीब 18 लाख है. इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी करीब 23 प्रतिशत है.
- इसके अलावा राजपूत, ब्राह्मण और मल्लाह बड़ी संख्या में हैं.
- मुस्लिम मतदाता करीब 9 फीसदी हैं.
1952 | मन्नूलाल द्विवेदी | कांग्रेस |
1957 | मन्नूलाल द्विवेदी | कांग्रेस |
1962 | मन्नूलाल द्विवेदी | कांग्रेस |
1967 | स्वामी ब्रह्मानंद | कांग्रेस |
1971 | स्वामी ब्रह्मानंद | कांग्रेस |
1977 | तेज प्रताप सिंह | जनता पार्टी |
1980 | डूंगर सिंह | कांग्रेस |
1984 | स्वामी प्रसाद सिंह | कांग्रेस |
1989 | गंगाचरण राजपूत | जनता दल |
1991 | विश्वनाथ शर्मा | भाजपा |
1996 | गंगाचरण राजपूत | भाजपा |
1998 | गंगाचरण राजपूत | भाजपा |
1999 | अशोक कुमार सिंह चंदेल | बसपा |
2004 | राजनारायण बुधौलिया | सपा |
2009 | विजय बहादुर सिंह | बसपा |
2014 | पुष्पेंद्र चंदेल | भाजपा |
2019 | पुष्पेंद्र चंदेल | भाजपा |
हाल के दशक में हमीरपुर से जीती पार्टियों की लिस्ट बताती है कि यहां की जनता प्रयोगधर्मी है. वो ज्यादा समय तक एक पार्टी को मौका नहीं देती. कांग्रेस काफी समय से नहीं जीती है लेकिन सपा-बसपा और भाजपा में त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है.