Haryana Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दे दिया है. दो दिन पहले अचानक हरियाणा के एक भाजपा सांसद का इस्तीफा हुआ था और आज सुबह सरकार ही खतरे में बताई जाने लगी. हां, परसों हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे वेलकम कर रहे थे और आज खबर आई कि हरियाणा में भाजपा और जेजेपी का गठबंधन टूट रहा है. 90 सदस्यों वाली विधानसभा में क्या भाजपा की सरकार गिर जाएगी? जेजेपी अब तक सरकार में थी, अचानक ऐसा क्या हुआ कि वह नाराज हो गई? क्या सीएम मनोहर लाल खट्टर की जगह नए चेहरे को लाने का यह भाजपा का प्रयोग है, जैसा उत्तराखंड समेत कई राज्यों में देखा गया है? ऐसे कई सवाल आज सुबह से सियासी गलियारों और न्यूज चैनल के स्टूडियों में तैर रहे थे. दोपहर में सब क्लियर हो गया. इसकी शुरुआत एक इस्तीफे से हुई. आइए क्रोनोलॉजी समझ लेते हैं. 


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10 मार्च: हिसार के भाजपा सांसद ने दिया इस्तीफा


बृजेंद्र सिंह का परिवार कांग्रेसी रहा है. उनके पिता 2014 में भाजपा में गए और मंत्री भी बन गए. अब लोकसभा चुनाव में उनकी हिसार सीट जेजेपी को मिलने वाली थी, उन्हें खबर लगी तो वह कांग्रेस में चले गए. जो कारण उन्होंने गिनाए, वे सभी भाजपा के खिलाफ जाते हैं. किसानों के मुद्दे पर हरियाणा, पंजाब और वेस्ट यूपी के एक तबके में नाराजगी है. उन्होंने अग्निवीर और महिला पहलवानों के मुद्दों का भी जिक्र किया जो हरियाणा में काफी चर्चा में रहा है. आज भी पहलवान उस समय की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं. बृजेंद्र सिंह ने कहा कि मैं भाजपा में असहज था. 


तब चौटाला ने तंज कसा


हरियाणा की भाजपा सरकार में शामिल जेजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने तंज में दो लाइनें लिखीं. उन्होंने बृजेंद्र सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि दर-दर पे जाकर दुआ बदलते हैं. लोग खुद नहीं बदलते, खुदा बदलते हैं. हालांकि असली पिक्चर अभी बाकी थी. जननायक जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी बैठक की. सीट शेयरिंग को लेकर भी बात हुई. 


जेजेपी के पास 10 विधायक


यहां जान लीजिए कि 90 सीटों वाली विधानसभा में जेजेपी के 10 विधायक हैं और वह लोकसभा चुनाव में 1 या 2 सीट मांग रही थी. बताते हैं कि भाजपा सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही थी. कल रात दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बात की. आज सुबह पता चला कि भाजपा ने जेजेपी की मांग नहीं मानी और अब जेजेपी एक रैली कर अपना रुख साफ करेगी. इससे पहले ही भाजपा ने दांव चल दिया. 


हां, भाजपा खेमे में हलचल बढ़ गई. चंडीगढ़ में हरियाणा निवास पर नेताओं का जुटना शुरू हो गया. दोपहर में हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा ने दावा कर दिया कि भाजपा और जेजेपी का गठबंधन लगभग टूट चुका है. लोकसभा चुनाव में भाजपा सभी 10 सीटें जीतेगी. उन्होंने कहा कि जेजेपी के बिना भी हरियाणा सरकार बनी रहेगी और सभी स्वतंत्र उम्मीदवार बीजेपी को समर्थन देते रहेंगे. अब तक टीवी चैनलों पर खबर फ्लैश हो चुकी थी कि सीएम मनोहर लाल खट्टर आज इस्तीफा दे सकते हैं. सूत्रों के हवाले से सीएम के संभावित दो नाम भी सामने आने लगे. कहा गया कि भाजपा खट्टर को करनाल से लोकसभा का टिकट दे सकती है. दोपहर में खट्टर ने इस्तीफा भी दे दिया.


बृजेंद्र सिंह vs जेजेपी


वापस हिसार के भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह पर लौटते हैं. 10 मार्च को कांग्रेस में आने के बाद उन्होंने कहा था कि 2 अक्टूबर को हमने जींद में रैली की थी. उसमें हमने भाजपा और जेजेपी के गठबंधन का भी मुद्दा उठाया था. वह भी भाजपा छोड़ने की एक बड़ी वजह है. दरअसल, विधानसभा चुनाव में बृजेंद्र सिंह की मां प्रेमलता को जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने हराया था. अक्टूबर की रैली में बीरेंद्र सिंह ने भाजपा नेतृत्व को संदेश दिया था कि वह जेजेपी से गठबंधन तोड़ ले. उन्होंने भ्रष्टाचार में जेजेपी मंत्रियों के शामिल होने का भी आरोप लगाया था. ऐसे में एक संभावना यह भी बन रही है कि भाजपा ने जानबूझकर जेजेपी को मनाने की कोशिश नहीं की और तमाम आरोपों और एंटी-इनकंबेसी को दूर करने के लिए सरकार में आमूलचूल बदलाव करने की तरफ बढ़ने का फैसला किया है. 


क्या खतरे में है सरकार?


बिल्कुल नहीं. भाजपा ने पूरा समीकरण बना लिया है. बहुमत का आंकड़ा 46 है और भाजपा के पास 41 विधायक हैं. 6 निर्दलीय भाजपा के साथ हैं, गोपाल कांडा भी समर्थन दे रहे हैं. इधर जेजेपी में टूट के आसार भी बन रहे हैं. जी हां,  दुष्यंत चौटाला ने आज अपने विधायकों को दिल्ली आवास पर बुलाया है. माना जा रहा है कि कुछ विधायक टूट सकते हैं. 


ऐसे में जेजेपी से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा अब आसानी से नई सरकार बना रही है. इस तरह एक तीर से कई निशाने साध लिए जाएंगे. नजर लोकसभा चुनाव पर है.