Jayant Chaudhary RLD Latest News: मैं कोई चवन्नी हूं जो ऐसे करके (हाथ का इशारा करते हुए) पलट जाऊंगा... जब से जयंत चौधरी के बीजेपी के साथ जाने की हवा उड़ी है, सोशल मीडिया पर RLD चीफ का पुराना बयान वायरल हो रहा है. यह बयान यूपी विधानसभा चुनाव से पहले का बताया जा रहा है. इस बीच, राष्ट्रीय लोकदल ने खुल्लमखुल्ला बता दिया है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए ऑफर दिया है. यूपी के जाटलैंड कहे जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी की पार्टी की अच्छी पकड़ रही है. पहले चवन्नी वाला पुराना वीडियो देखिए.



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अब पढ़िए आरएलडी ने क्या कहा


सपा की तरफ से 7 सीटें दिए जाने की खबरें थीं लेकिन अब कहा जा रहा है कि भाजपा से हाथ मिलाने के लिए RLD 4 सीटों पर ही मान गई है. आरएलडी प्रवक्त पवन आगरी ने पूरी बात बताई है. राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि यह चुनावी वर्ष है और सारी पार्टियां हमें ऑफर कर रही हैं क्योंकि हमारा एक राजनीतिक वजूद है. हमारे 9 विधायक हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बहुत सारी पार्टियां हमसे गठबंधन के लिए आतुर हैं. बातचीत चल रही है. 


Rashtriya Lok Dal के प्रवक्ता ने कहा कि कोई दूसरा नहीं, हम बताएंगे कि हमारी पार्टी किसके साथ है. भाजपा से ऑफर के सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि बीजेपी के लोगों द्वारा पिछली बार भी ऑफर किया गया था, इस बार भी किया गया है लेकिन वो चार सीटों की बात कर रहे हैं. हमने 12 लोकसभा सीटों पर तैयारी की है. 


पवन आगरी ने कहा कि इस बात का निर्णय हम लेंगे कि हम किसके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे. RLD+बीजेपी गठबंधन की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी जनता और किसानों के हित के लिए हमारी मांगों पर सहमत होगी, हम उसके साथ चुनाव लड़ेंगे. इस तरह से उन्होंने एनडीए में जाने से इनकार नहीं किया.  


खामोश क्यों हैं जयंत चौधरी?


कई दिनों से आरएलडी और भाजपा के गठबंधन की खबरें आ रही हैं लेकिन अब तक जयंत चौधरी ने कुछ नहीं कहा है. वह खामोश हैं. समाजवादी पार्टी आश्वस्त है कि गठबंधन नहीं टूटेगा और RLD कहीं नहीं जा रही है. हालांकि जयंत की चुप्पी काफी कुछ संकेत दे रही है. खबर है कि बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री बनाने के अलावा यूपी सरकार में भी मंत्री पद का ऑफर दिया है. हालांकि सच्चाई जयंत ही बता सकते हैं. प्रवक्ता ने जो बातें बताई हैं वह विपक्षी गठबंधन में सीटें बढ़ाने की कोशिश भी हो सकती है.  


उधर, एक अन्य RLD प्रवक्ता रोहित जाखड़ ने एक टीवी डिबेट में जरूर कहा कि इस तरह की अटकलें हर चुनाव से पहले लगाई जाती हैं. अगर जयंत चौधरी जी सत्ता में भागीदारी चाहते तो 2014 में भी मिल जाती. 2017 विधानसभा चुनाव, 2019 और 2022 में भी मिल जाती लेकिन हमने मूल मुद्दों पर संघर्ष करने का निश्चय किया. 


बीजेपी इतनी बेकरार क्यों?


दरअसल, पश्चिमी यूपी में भाजपा जाट-मुस्लिम और दलित समीकरण को तोड़ना चाहती है जो विपक्षी गठबंधन को फायदा पहुंचा सकती है. पश्चिम यूपी में 20 फीसदी जाट वोट हैं और मुस्लिम 40 फीसदी के करीब है. दलितों की आबादी भी 25 प्रतिशत के करीब है. जयंत भाजपा के साथ गए तो जाट वोट बिखर जाएगा और 80 में से 75 से ज्यादा सीटें जीतने का बीजेपी का लक्ष्य आसान हो सकता है.