Khargone Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश की खरगोन लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच हमेशा से ही कड़ा मुकाबला रहा है. 1962 में इस सीट पर पहला चुनाव हुआ था, जिसमें भारतीय जनसंघ ने जीत हासिल की थी.


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इसके बाद, इस सीट पर दोनों दलों का ही बोलबाला रहा है. 1967 में कांग्रेस ने जीत हासिल की, जबकि 1971 में भारतीय जनसंघ ने फिर से जीत दर्ज की. 1980 और 1984 में कांग्रेस ने लगातार जीत हासिल की, लेकिन 1989 में बीजेपी के रामेश्वर पाटीदार ने बड़ी जीत दर्ज कराई. रामेश्वर पाटीदार 1998 तक लगातार इस सीट से सांसद चुने गए, लेकिन 1999 में कांग्रेस के ताराचंद पटेल ने उन्हें हरा दिया.


इसके बाद, 2004 में बीजेपी, 2007 उपचुनाव में कांग्रेस और 2009 में फिर से कांग्रेस ने जीत हासिल की. लेकिन, 2014 और 2019 में बीजेपी ने इस सीट पर अपनी दमदार वापसी करते हुए जीत हासिल की. खरगोन लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच रण हमेशा से ही रोमांचक रहा है और दोनों दल इस सीट पर अपना कब्जा जमाने के लिए हर बार पूरी ताकत लगाते हैं.


रेल की पटरियां चुनावी रण में:
मध्य प्रदेश की खरगोन लोकसभा सीट पर रेल हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है. आगामी लोकसभा चुनावों के साथ ही यह मुद्दा फिर से गरमाने लगा है. 60 के दशक से 2019 तक, रेल के वादों और आश्वासनों की पटरियां बिछाई जाती रही हैं, चुनाव जीतने के लिए खेतों में पटरियां तक पटकवा दी गईं, लेकिन काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है.


हाल ही में, इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन से बड़वानी को जोड़ने की बातें चल रही थीं. लेकिन अब, सांसद गजेंद्र पटेल ने खंडवा-धार-खरगोन-बड़वानी रेलवे लाइन के सर्वेक्षण की बात कही है. उनका दावा है कि उन्होंने रेल मंत्री से निमाड़ में रेलवे लाइन के लिए एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की है.


खरगोन-बड़वानी में रेलवे लाइन की मांग लंबे समय से की जा रही है. कई बार सर्वेक्षण भी हुए, लेकिन नतीजा कुछ नहीं रहा. अब, सांसद पटेल ने दोनों जिलों को रेलवे लाइन से जोड़ने का दावा किया है. देखना होगा कि इस बार क्या होता है.


खरगोन: प्रकृति और इतिहास का संगम
खरगोन, नर्मदा घाटी में बसा एक खूबसूरत और ऐतिहासिक महत्व वाला शहर है. सतपुड़ा की पर्वत श्रृंखलाओं और नर्मदा नदी से घिरा यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से समृद्ध है. कुंदा और वेदा नदियां भी इसी क्षेत्र से बहती हैं.


खरगोन का इतिहास रामायण और महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. सातवाहन, कनिष्क, चालुक्य, भोज, होलकर, सिंधिया, मुगल और ब्रिटिश शासनकाल के स्मारक आज भी इस क्षेत्र में मौजूद हैं. यहां पाषाण युग के शस्त्र भी पाए गए हैं जो इस क्षेत्र की प्राचीनता का प्रमाण हैं.


जातीय समीकरण
अनुसूचित जाति और जनजाति का खासा दबदबा
53.56 फीसदी आबदी अनुसूचित जनजाति
9.02 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की


कुल 18 लाख 21 हजार 019 मतदाता
पुरुष 9,23,185 मतदाता
महिला 8,97,815  मतदाता


पिछले चुनावों का जीत का इतिहास
1999- Tarachand Patel, Congress
2004- Krishna Murari Moghe, BJP
2007- Arun Yadav, Congress
2009- Arun Yadav, Congress
2014- Subhash Patel, BJP
2019- Gajendra Patel, BJP


2024 का समीकरण क्या है?
अभी कुछ ही समय पहले यहां के पूर्व सांसद रहे बीजेपी नेरा मकनसिंह सोलंकी ने कांग्रेस में एंट्री कर ली है. दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई. इसे बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना गया. लेकिन अभी बिसात बिछनी बाकी है, देखना है क्या समीकरण बनता है.


Candidates in 2024 Party Votes Result
  BJP    
  Congress