Lok Sabha Chunav 2024: अगर कोई वोटर खुद वोट देने में अक्षम हो तो क्या वह दूसरे को `प्रॉक्सी वोटर` बना सकता है? ये रहा जवाब
Election General Knowledge: अगर कोई वोटर अपना वोट डालने में सक्षम न हो तो क्या वह अपनी जगह दूसरे को प्रॉक्सी वोटर बना सकता है. चुनाव आयोग के नियम इस बारे में क्या कहते हैं.
Lok Sabha Election 2024 News: लोकसभा चुनाव का जोश पूरे देश में चरम पर है. एक और बीजेपी का 400 पार का नारा है तो दूसरी और इंडि गठबंधन की ओर से जोरदार चुनौती देने के दावे हैं. इन्हीं के बीच मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कई सवाल भी हैं, जिनका वे जवाब जानना चाहते हैं. हम चुनावों से जुड़े ऐसे ही अनेक सवालों की सीरीज में आज भी कई काम की चीजें आपके सामने लेकर आए हैं. आइए चुनावों से जुड़ी ऐसे ही सामान्य जानकारियां आपको प्रदान करते हैं.
सवाल: क्या अपनी जगह किसी अन्य को 'प्रॉक्सी' वोटर बनाया जा सकता है?
जवाब: हां, जब कोई वोटर किन्हीं वजहों से खुद वोट न डाल पाए तो वह किसी अन्य व्यक्ति को अपना वोट देने के लिए प्रॉक्सी के रूप में अधिकृत कर सकता है. इसके लिए रिटर्निंग अफसर को फॉर्म - 13 भरकर अप्लाई करना होगा. यह फॉर्म चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मिल जाता है. जिस व्यक्ति को प्रॉक्सी बनाया जाना है, वह उसी असेंबली क्षेत्र का निवासी होना चाहिए, जहां का वोटर रहने वाला है. वह उस क्षेत्र का रजिस्टर्ड वोटर भले न हो लेकिन उसे मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए.
सवाल: 'प्रॉक्सी' वोटर बनाए जाने की प्रक्रिया क्या होती है?
जवाब: अपनी जगह किसी अन्य व्यक्ति को 'प्रॉक्सी' वोटर दो तरीके से बनाया जा सकता है. पहला, कोई ऐसा वोटर जो चुनावों के दौरान मतदान केंद्र से दूर ड्यूटी में हो तो वह यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर के समक्ष फॉर्म 13एफ में अपना हस्ताक्षर करना होगा और फिर नोटरी/प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने हस्ताक्षर करके फॉर्म को अपने प्रॉक्सी को भेजेगा. इसके बाद, प्रॉक्सी वोटर उस फॉर्म को संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को फॉर्म जमा कर सकता है. दूसरा, अगर कोई वोटर अपने मूल स्थान पर है, तो वह और उसका प्रॉक्सी दोनों नोटरी / प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के समक्ष फॉर्म 13 एफ पर हस्ताक्षर करके संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को भेज सकते हैं.
सवाल: एक प्रॉक्सी वोटर कब तक वैध रहता है?
जवाब: प्रॉक्सी वोटर केवल मतदान के दिन तक वैध रहता है. इसमें मूल वोटर की मर्जी सबसे अहम होती है. अगर वह चाहे तो बीच में भी अपनी सहमति वापस लेकर उससे वोटिंग राइट छीन सकता है. मूल वोटर की ओर से प्रॉक्सी वोटर को किसी भी समय या कितनी भी बार बदला जा सकता है.
सवाल: सर्विस वोटर कौन है?
जवाब: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 की उपधारा (8) के प्रावधानों के अनुसार, सर्विस वोटर के लिए निम्न शर्तें हैं - (ए) संघ के सशस्त्र बलों का सदस्य होना; या (बी) किसी बल का सदस्य होना (सी) किसी राज्य के सशस्त्र पुलिस बल का सदस्य होना या (डी) ऐसा व्यक्ति होना जो भारत सरकार के अधीन भारत से बाहर किसी पद पर कार्यरत हो.
सवाल: क्या सर्विस वोटर के साथ ही उसका जीवनसाथी (पत्नी या पति) या बेटा/बेटी भी सर्विस वोटर के रूप में रजिस्टर्ड हो सकता है?
जवाब: हां, किसी सर्विस वोटर जीवनसाथी भी खास निर्वाचन क्षेत्र में रजिस्टर्ड हो सकता है. इसके लिए उसे फॉर्म 2/2ए/3 भरकर इस आशय का बयान देना होगा कि उसकी पत्नी/पति आमतौर पर उसके साथ रहता है. पत्नी/पति को उसके पति/उसकी पत्नी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में की गई घोषणा के आधार पर सेवा मतदाता के रूप में नामांकित किया जाएगा. हालांकि सर्विस वोटर के साथ रहने वाले बच्चों, रिश्तेदारों या कामगारों को यह सुविधा नहीं है.
सवाल: क्या सर्विस वोटर को डाक मतपत्र जारी करने के लिए आवेदन करना आवश्यक है?
जवाब: नहीं; रिटर्निंग अधिकारी स्वयं अपने रिकॉर्ड कार्यालय के माध्यम से (या भारत के बाहर सेवारत सेवा मतदाता के मामले में सीधे या विदेश मंत्रालय के माध्यम से) उसे एक डाक मतपत्र भेजता है.
सवाल: सर्विस वोटर के लिए नामावली का अंतिम भाग किस भाषा में तैयार किया जाता है?
जवाब: सर्विस वोटर की सूची वाला अंतिम भाग केवल अंग्रेजी में तैयार किया जाता है