Lok Sabha Chunav 2024 Result: वाराणसी विजय में पीएम मोदी को अजय राय से मिली कड़ी टक्कर, जीत का अंतर हो गया इतना कम
PM Modi Winning Margin: वाराणसी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र ने जीत दर्ज की है. उन्होंने बनारस विजय का सिलसिला जारी रखते हुए एक बार फिर कांग्रेस के अजय राय को हरा दिया. लेकिन पीएम मोदी की इस बार की जीत से, कहीं न कहीं कांग्रेस भी खुश जरूर हो रही होगी.
PM Modi Winning Margin: वाराणसी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र ने जीत दर्ज की है. उन्होंने बनारस विजय का सिलसिला जारी रखते हुए एक बार फिर कांग्रेस के अजय राय को हरा दिया. लेकिन पीएम मोदी की इस बार की जीत से, कहीं न कहीं कांग्रेस भी खुश जरूर हो रही होगी. क्योंकि देश के प्रधानमंत्री के सामने खड़े अजय राय को भी बनारस की जनता ने पूरी तरजीह दी. अजय राय को इस चुनाव में 4 लाख 60 हजार से ज्यादा वोट मिले. पीएम मोदी की जीत और उनके प्रतिद्वंद्वी अजय राय की हार के बीच वोटों का फासला घटकर डेढ़ लाख पर आ गया है. हार-जीत के मार्जिन में आई इस कमी की बनारस के साथ-साथ पूरे देश में चर्चा हो रही है.
पीएम मोदी के जीत के अंतर में गिरावट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है. लेकिन इस बार उनके जीत के अंतर में खासी गिरावट आई है. चुनाव आयोग द्वारा जारी परिणाम के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अजय राय को एक लाख 52 हजार 513 मतों से हराया. पीएम मोदी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा की शालिनी यादव को चार लाख 79 हजार 505 मतों से हराया था. वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने अपने अरविंद केजरीवाल को तीन लाख 71 हजार 784 मतों से पराजित किया था.
बनारस में कांग्रेस के अजय राय ने दी कड़ी टक्कर
उत्तर प्रदेश में खोया जनाधार तलाश रही कांग्रेस के लिये बनारस का नतीजा सुकून देने वाला जरूर होगा. बात पूरे उत्तर प्रदेश की करें तो यूपी में पिछले करीब तीन दशक से कांग्रेस के लिए चुनावों में कुछ अच्छा नहीं हो रहा था. अपनी खोई राजनीतिक जमीन तलाश रही कांग्रेस के लिये मौजूदा लोकसभा चुनाव किसी संजीवनी से कम नहीं है. पार्टी राज्य में 17 में से छह सीट पर लगभग निर्णायक बढ़त ले चुकी है.
रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस का दमदार प्रदर्शन
2019 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अपना सबसे बदतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनाव में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के तहत समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में सूबे की 80 में से 17 सीट पर चुनाव लड़ी और मंगलवार को हो रही मतगणना में वह छह सीट पर जीत की तरफ मजबूती से बढ़ रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी रायबरेली सीट लगभग जीत चुके हैं. अमेठी में भी कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से डेढ़ लाख से ज्यादा मतों से आगे हैं.
कांग्रेस के लिए यूपी में जीत का आंकड़ा बढ़ा
इसके अलावा कांग्रेस बाराबंकी में एक लाख 77 हजार से ज्यादा मतों से, सहारनपुर में 96 हजार से ज्यादा, सीतापुर में करीब 78 हजार और इलाहाबाद में 35 हजार से अधिक मतों से बढ़त बनाये हुए है. कांग्रेस के लिये ये रूझान उत्साह बढ़ाने वाले हैं. कांग्रेस इस बार उत्तर प्रदेश की जिन 17 सीट पर मैदान में है, उनमें से तीन सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रही थी जबकि 11 सीट पर उसकी जमानत तक जब्त हो गयी थी. उस चुनाव में उसे मात्र 6.4 फीसद वोट मिले थे.
सपा के साथ का फायदा..
वर्ष 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया था और उसे रायबरेली के रूप में एकमात्र सीट हासिल हुई थी. पार्टी को सबसे बड़ा झटका अमेठी में लगा था जहां पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भाजपा की स्मृति ईरानी से 55 हजार से ज्यादा मतों से पराजित हो गये थे. कांग्रेस 1989 के बाद से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है. उसके बाद से उसका जनाधार लगातार घटा है और 2022 के विधानसभा चुनाव में उसकी हालत और भी खराब हो गयी थी. कांग्रेस को उस चुनाव में सिर्फ 2.33 प्रतिशत वोट के साथ मात्र दो सीट-- रामपुर खास और फरेंदा पर ही संतोष करना पड़ा था.