Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव में अब आखिरी दौर की वोटिंग बची है. इससे पहले ANI को दिए इंटरव्यू में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा गया कि क्या आपने जो 400 पार का लक्ष्य रखा था, वह पार हो रहा है? क्योंकि विपक्ष कह रहा है कि 220-240 तक ही हो पाएगा. पीएम ने 'आखिरी दौर' पर जोर देते हुए कहा कि हमारा एक नया दौर शुरू होगा. जो लोग बड़े सपने देखकर बड़े वादे कर रहे थे, उनके लिए आखिरी दौर है. अगला ही सवाल आरक्षण पर था. 


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लोकसभा चुनाव में माइक्रो चिप्स और मैन्युफैक्चरिंग पर बात हो रही थी फिर अचानक आरक्षण इतना बड़ा मुद्दा कैसे बन गया? आप (प्रधानमंत्री) बार-बार आरक्षण की बात क्यों कर रहे हैं? PM ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं अपने एससी, एसटी, ओबीसी और अति पिछड़े भाई-बहनों को सचेत कर रहा हूं. क्योंकि इनको अंधेरे में रखकर ये लोग लूट चला रहे हैं. चुनाव ऐसा समय है जो सबसे बड़ा संकट आ रहा है, उससे देशवासयों को जागृत करना चाहिए इसीलिए मैं आग्रहपूर्वक जनता-जनार्दन को समझा रहा हूं. 


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पीएम ने कहा कि दो चीजें हो रही हैं. एक, भारत के संविधान की मूल भावना का हनन हो रहा है. संविधान की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया जा रहा है. वो भी अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए. पीएम ने आगे कहा कि इन्होंने रातोंरात शिक्षण संस्थानों को माइनॉरिटी संस्थान बना दिया. इसमें आरक्षण खत्म कर दिया. अब उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था वैसा एक नियम बदल दिया. विश्वविद्यालय तक को अल्पसंख्यक का दर्जा दे दिया. 



जामिया मिलिया की चर्चा


पीएम मोदी ने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया का जिक्र किया और बोले कि इसे माइनॉरिटी बना दिया. सारे आरक्षण खत्म हो गए. एडमिशन में भी नहीं, नौकरी में भी नहीं. बाद में चीजें उभरकर आईं कि करीब 10 हजार संस्थान हैं जिन्हें इस प्रकार से एससी-एसटी आरक्षण का जो अधिकार था उसे पिछले दरवाजे से छीन लिया गया है... संविधान की पीठ में छुरा घोंपा गया है.


उन्होंने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने जिस सपने से ये व्यवस्था खड़ी की थी, उसको इन्होंने वोट बैंक के लिए गिरवी रख दिया है. ये चीजें जब मेरे सामने आईं तब मुझे लगा कि इससे देश को अवगत कराना चाहिए.