Ashok Tanwar BJP Profile: लोकसभा चुनाव 2024 में जीत के लिए नेता दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. कुछ सीटों पर मतदान हो चुका है और कुछ सीटों पर मतदान होने वाला है. चुनाव आते ही सोशल मीडिया पर भी नेताओं की चहलकदमी बढ़ जाती है. फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंच पर नेताओं का चुनाव प्रचार जारी है. सोशल मीडिया पर नेता चुनाव प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ रहे.


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इस बीच जी न्यूज ने नेताओं के सोशल मीडिया प्रोफाइल्स का आंकलन किया है. जी न्यूज का लीडर सोशल स्कोर (LSS) बताता है कि कोई नेता सोशल मीडिया पर कैसा परफॉर्म कर रहा है. इस कड़ी में हम हरियाणा की सिरसा सीट से भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर का भी 'लीडर सोशल स्कोर' जानेंगे.


भाजपा ने सिरसा में दोबारा कमल खिलाने की दी जिम्मेदारी


 अशोक तंवर भाजपा में आने से पहले कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले वो आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में आ गए. अशोक को भाजपा ने हरियाणा की एक ऐसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है, जहां पार्टी 2004 से अब तक केवल एक बार लोकसभा चुनाव जीत पाई है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अशोक तंवर सिरसा लोकसभा सीट पर कमल खिला पाते हैं या नहीं. 


जेएनयू से शुरू हुआ अशोक तंवर का सियासी सफर


अशोक तंवर का सियासी सफर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से शुरू हुआ. छात्र नेता के तौर पर वो अपने विश्वविद्यालय में काफी लोकप्रिय थे. अशोक की लोकप्रियता को देखते हुए 1999 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) का प्रदेश सचिव बनाया गया. साल 2003 में उन्होंने जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और शानदार जीत के साथ वो अध्यक्ष बने. 


लोकसभा चुनाव 2009 में पहली बार बने सांसद


लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस पार्टी ने अशोक तंवर को हरियाणा के सिरसा सीट से उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में वो 354999 वोटों के अंतर से जीतने में सफल हुए. लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस ने उन्हें दोबारा सिरसा सीट से उतारा. हालांकि, इस बार वो इंडियन नेशनल लोकदल के चरणजीत सिंह रोरी से हार गए. हारने के बावजूद कांग्रेस ने अशोक तंवर को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया. 


समर्थकों का टिकट कटने पर कांग्रेस को छोड़ दिया


इस बीच अशोक तंवर प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में लगातार सक्रिय रहे. लेकिन 4 सितंबर 2019 को कुछ ऐसा हुआ जो अशोक को रास न आया. कांग्रेस ने वर्तमान में अशोक तंवर की प्रतियोगी शैलजा कुमारी को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया. इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव 2019 में अशोक के समर्थकों का टिकट काटे जाने की बात भी सामने आई. इसके बाद 5 अक्टूबर 2019 को उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़ दी. 


साल भर में तृणमूल कांग्रेस से मोहभंग, आप में शामिल 


कांग्रेस छोड़ने के बाद अशोक तंवर ने अपना दल बनाया. इस पार्टी का नाम उन्होंने 'अपना भारत मोर्चा' रखा था. हालांकि आगे चलकर उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया. तृणमूल कांग्रेस ने अशोक तंवर को गोवा चुनाव की जिम्मेदारी दी थी, जिसमें उनका प्रदर्शन उतना ठीक नहीं रहा. साल भर में टीएमसी से भी अशोक तंवर का मोहभंग हो गया. 4 अप्रैल 2022 को अशोक तंवर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. 


आप में हरियाणा चुनाव कैंपेन कमेटी के चेयरमैन बने


आप में अशोक तंवर के आने से उनके समर्थक काफी उत्साहित थे. उन्हें हरियाणा में आम आदमी पार्टी की चुनाव कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया गया. लेकिन धीरे-धीरे अशोक तंवर आप से भी नाखुश नजर आने लगे.  20 जनवरी, 2024 को तंवर नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. 


पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की नातिन अवंतिका से विवाह 


अशोक तंवर का जन्म 12 फरवरी 1976 को हरियाणा के झज्जर जिले के चिमनी गांव में हुआ है. उनकी मां का नाम कृष्णा राठी और पिता का नाम दिलबाग सिंह है. तंवर ने वरंगल के काकतीय विश्वविद्यालय से बीए और दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी की है. यहां से उन्होंने इतिहास में एमए, एमफिल और पीएचडी भी की है. अशोक तंवर की शादी पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की नातिन अवंतिका से हुई है. अशोक तंवर और अवंतिका के दो बच्चे हैं.


डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.