Name Changing Of Cities: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद एनडीए देश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है. नरेंद्र मोदी 9 जून रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. इसके साथ ही चुनावी नतीजे की समीक्षा भी शुरू हो गई है. 2014 और 2019 में भाजपा का बढ़ा ग्राफ 2024 में घट गया है. इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नतीजा 80 सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश से आया है. इसके साथ ही एक दिलचस्प तथ्य यह भी सामने आया है कि यूपी में भाजपा सरकार ने जिन जगहों के नाम बदले थे उन लोकसभा सीटों पर भी भाजपा हार गई.


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यूपी में पिछले बार की मुकाबले आधी सीटों पर ही जीत सकी भाजपा


यूपी की 80 लोकसभा सीटों में भाजपा इस बार 33 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी. पिछले चुनाव के मुकाबले सीटें आधी रह गई हैं. भाजपा की सीटों की गिरावट के बाद राजनीतिक पंडितों ने नतीजे की कई एंगल से समीक्षा की है. हालांकि, यह प्रक्रिया जारी है और लंबी चलने वाली है, लेकिन इससे बाहर आ रहे तथ्यों पर चर्चा तेज हो गई है. नतीजे की सर्जरी से एक हैरान करने वाली बात यह रही कि यूपी में भाजपा को उन सीटों पर भी शिकस्त मिली जिनके नाम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बदले थे. 


अयोध्या, फैजाबाद में वोटर्स ने नहीं लगने दी BJP की जीत की हैट्रिक


इनमें सबसे अव्वल नाम अयोध्या लोकसभा क्षेत्र का है. 2017 में योगी सरकार ने पहले कार्यकाल के शुरुआती दो महीने में ही अयोध्या और फैजाबाद नगर पालिका परिषद को मिलाकर नगर निगम बनाने का अहम निर्णय किया. इसके बाद नवंबर में फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया. उसके बाद से भव्य राम मंदिर निर्माण की प्राण प्रतिष्ठा तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 65 बार अयोध्या जा चुके हैं. 2014 और 2019 में यह लोकसभा सीट भाजपा की थी, लेकिन इस बार भाजपा के लल्लू सिंह जीत की हैट्रिक नहीं लगा सके.


प्रयागराज, इलाहाबाद में 40 साल बाद कांग्रेस की वापसी, भाजपा हारी


कुछ ऐसा ही सियासी सीन यूपी के प्रयागराज का है. यूपी सरकार ने 2019 में अर्ध कुंभ मेले से ठीक पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर पौराणिक नाम प्रयागराज की वापसी कर दी थी. लोकसभा चुनाव 2019 में वहां से रीता बहुगुणा जोशी भाजपा की सांसद चुनी गई थीं. इस बार भाजपा ने उम्मीदवार बदल दिया था. फिर भी कांग्रेस ने 40 साल बाद यहां वापसी करते हुए भाजपा को शिकस्त दी. कांग्रेस के टिकट पर उज्ज्वल रमण सिंह यहां से सांसद चुने गए.


पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, चंदौली में हारे केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय


योगी सरकार ने देश का चौथा सबसे व्यस्त रेलवे जंक्शन मशहूर मुगलसराय का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया था. भाजपा के सह-संस्थापक के प्रति सम्मान का प्रतीक बताया जा रहा यह कदम लोकसभा चुनाव 2019 में काम नहीं आ सका. पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन चंदौली लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है. यहां से भाजपा के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय सांसद थे. इस बार चुनाव में वह भी अपनी सीट गंवा बैठे. उन्हें सपा उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह ने मात दी.


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जिन जगहों के नाम बदलने की चर्चा, वहां भी भाजपा की हार


इसके अलावा योगी सरकार में कई जिले और जगहों के नाम बदलने की अर्जी लंबित भी है. इनमें से कुछ जगहों पर भी भाजपा की हार हुई है. जैसे गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से भाजपा की पूर्व विधायक अलका राय ने गाजीपुर का नाम बदलकर गाधिपुरी करने की मांग की है. गाजीपुर लोकसभा सीट पर भी भाजपा के उम्मीदवार पारसनाथ राय की अफजाल अंसारी के मुकाबले हार हुई है. यूपी विधानसभा में सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने की मांग उठाई जा चुकी है. यहां भाजपा की दिग्गज मेनका गांधी की हार हो गई है.


इसके अलावा फिरोजाबाद का नाम बदलकर चंद्र नगर करने का प्रस्ताव रखा गया था. ऐसे ही एक प्रस्ताव में मैनपुरी जिले का नाम बदलकर मायापुरी करने की मांग की गई थी. इन दोनों सीटों पर भाजपा की हार और सपा की जीत हुई है. फिरोजाबाद से अक्षय यादव और मैनपुरी सीट से डिंपल यादव सांसद बनी हैं.


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