Pataliputra Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में पाटलिपुत्र लोकसभा सीट को एक बार फिर वीआईपी सीट के रूप में देखा जा रहा है. बीजेपी ने इस सीट पर एक बार फिर राम कृपाल यादव को ही उम्मीदवार बनाया है. राम कृपाल यादव पिछले 10 साल से यहां के सांसद हैं. दोनों बार उन्होंने लालू यादव की बेटी मीसा भारती को हराया है. आरजेडी ने भी एक बार फिर मीसा भारती को ही पाटलिपुत्र से उम्मीदवार बनाया है. 
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मीसा भारती राम कृपाल यादव को जीत की हैट्रिक बनाने से रोक पाती हैं या नहीं.
 
चुनावी सरगर्मी के बीच बीच 'ज़ी न्यूज़' ने चुनावी मैदान में उतरे कई नेताओं के लीडर सोशल स्कोर (LSS) निकाले हैं. चलिए आपको बताते हैं कि पाटलिपुत्र में बीजेपी उम्मीदवार राम कृपाल यादव का सोशल मीडिया स्कोर कितना है. 


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कौन हैं राम कृपाल यादव


12 नवंबर 1957 को पटना में जन्मे राम कृपाल यादव को एक समय में लालू यादव का बेहद करीबी माना जाता था. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने आरजेडी से बगावत करते हुए निर्दलीय नामांकन भरा और मीसा भारती को हराकर बीजेपी में शामिल हो गए. दरअसल, कोर्ट से सजा मिलने के कारण लालू यादव 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकते थे. ऐसे में राम कृपाल यादव पाटलिपुत्र से टिकट चाहते थे. लेकिन आरजेडी ने मीसा भारती को टिकट दे दिया. जिसके बाद राम कृपाल यादव ने बगावत का रुख अपनाते हुए निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया.


राम कृपाल यादव का सियासी सफर 1991 में शुरू हुआ. उस वक्त वह आरजेडी की टिकट पर पटना लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. 1996 और 2004 के लोकसभा चुनावों में भी राम कृपाल यादव आरजेडी की टिकट पर जीत कर संसद पहुंचे. 2008 में इस सीट का परिसीमन होने के बाद यह सीट पाटलिपुत्र हो गई. 2009 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के लिए उन्होंने यह सीट छोड़ दी. हालांकि, इस लालू यादव यह चुनाव हार गए थे.लालू प्रसाद यादव को जेडीयू के रंजन प्रसाद यादव ने हराया था. लालू यादव उस समय देश के रेल मंत्री थे.


पाटलिपुत्र लोकसभा सीट का इतिहास


2008 में हुए परिसीमन से पहले पाटलिपुत्र लोकसभा सीट को पटना लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. साल 2019 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक, इस सीट पर करीब 20 लाख वोटर्स हैं. पाटलिपुत्र सीट पर लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण यानी एक जून को वोट डाले जाएंगे.


डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.