टिकट नहीं मिला अब वरुण गांधी के लिए क्या है फ्यूचर प्लान? मेनका गांधी ने बताया
Varun Gandhi News: मेनका गांधी अभी सुल्तानपुर से सांसद हैं और भाजपा ने उन्हें फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. वह प्रचार में नुक्कड़ सभाएं तो कर ही रहीं हैं, दरवाजे-दरवाजे जाकर लोगों से व्यक्तिगत रूप से भी मिल रही हैं.
Maneka Gandhi BJP: लोकसभा चुनाव जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है तमाम नेताओं के भविष्य को लेकर राजनीतिक एक्सपर्ट्स में गुणा भाग भी जारी है. इन सबके बीच यूपी में वरुण गांधी की भी चर्चा है क्योंकि इस बार उनका टिकट बीजेपी ने काट दिया था. अब इस मामले पर वरुण का मां मेनका गांधी ने खुलकर बात की है. मेनका गांधी अभी सुल्तानपुर से सांसद हैं और भाजपा ने उन्हें फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. वह, प्रचार में नुक्कड़ सभाएं तो कर ही रहीं हैं, दरवाजे-दरवाजे जाकर लोगों से व्यक्तिगत रूप से भी मिल रही हैं. वह कहती हैं कि लोगों से सीधा संवाद ही जीत पक्की करती है.
'वरुण का कद बड़ा'
असल में मेनका गांधी अपने बेटे वरुण गांधी के बारे में कहती हैं उनका कद बड़ा है. उनके भविष्य की कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि वरुण इस चुनाव में आना चाहते हैं, लेकिन अभी मौसम के कारण उन्हें परेशान नहीं करना चाहती हूं. फिलहाल, प्रचार अच्छा चल रहा है. अगर जरूरत पड़ेगी तो देखेंगे. वरुण गांधी के राजनीतिक भविष्य को लेकर आप कितनी चिंतित है? इस सवाल के जवाब में वे कहती हैं कि उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं. वरुण का कद बड़ा है. उनमें अक्ल और धैर्य भी है. वह देश से प्यार भी करते हैं. जो भी करेंगे, अच्छा करेंगे.
पार्टी ने 400 पार का लक्ष्य रखा
बीजेपी को इस चुनाव में आप कितनी सीटों पर विजयी होते देख रही हैं? इस सवाल के जवाब में वे कहती हैं कि पार्टी ने 400 पार का लक्ष्य रखा है. अच्छा होगा अगर लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं. यदि मैं ज्योतिषी होती तो कितना मजा आता. रायबरेली और अमेठी को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है, लेकिन कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर सीमित है, इसे कैसे देखती हैं? उनका कहना है कि एक सीट से चुनाव लड़ तो रहे हैं न. अमेठी के बारे मैं कौन होती हूं कुछ कहने वाली. मैं तो अपने तक ही सीमित हूं.
'कोई ध्रुवीकरण जैसी बात नहीं'
उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर में विकास के बारे में बोलकर चुनाव लड़ रहे हैं. कोई ध्रुवीकरण जैसी बात नहीं है. इस इलाके को इंडस्ट्रियल बेस बनाने का कोई फायदा नहीं है. अमेठी में ऐसा करके हम देख चुके है. वहां फेल हो चुके हैं. इसकी जगह जयसिंह पुर में छोटे उद्योग को विकसित कर रहे हैं. हालांकि इसकी जगह कृषि विज्ञान केंद्र विकसित करने की भी सोच रही हूं. मेंहदी और बांस के काम को बढ़ावा देकर हम करोड़ों रुपए कमा सकते हैं. लोगों को अच्छा रोजगार भी मिल जायेगा.
मेनका ने कहा कि जब मैं यहां चुनाव लड़ने आई थी तो मुझे कोई जानता नहीं था. समय बहुत कठिन था. प्रतिद्वंदी दो दल, एक साथ मिलकर लड़ रहे थे. इस बार मुझे लोग अच्छे से जानते हैं. यहां लगातार मैं लोगों के बीच रही हूं. अब सुल्तानपुर में कानून व्यवस्था और अन्य बिगड़ी चीजें काबू में है. यह पीलीभीत की तरह शांत है. 35 दिन में 500 से ज्यादा गांवों में जाकर लोगों से सीधा संवाद कर चुकी हूं. हम विकास व सुशासन के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं.
काम करने की रणनीति..
सुल्तानपुर में काम करने की रणनीति कैसे है, कितने काम हुए ? इस पर उनका कहना है कि यहां बहुत सारे काम हो चुके हैं. जो शेष हैं, इस बार पूरे होंगे. 60 कामों की लिस्ट मैंने बनाई थी. उन्हें अधिकारियों को दिया था. उनमें से कुछ काम घटते बढ़ते हैं. अलग अलग विभागों में हम संपर्क करते हैं और फिर उस पर काम होता है. इनमें सड़क चौड़ीकरण से लेकर नई सड़क बनाने तक के काम शामिल हैं. Agency Input