Muzaffarpur Lok Sabha Chunav Result 2024: मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र अपने शाही लीची के लिए विश्व प्रसिद्ध है. सांस्कृतिक रूप से इसे बिहार की राजधानी कहा जाता है. यह प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के साथ ही आचार्य जानकी, वल्लभ शास्त्री, रामवृक्ष बेनीपुरी और रामधारी सिंह दिनकर जैसे महान व्यक्तियों की कर्म स्थली रही है. 


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बिहार के 40 लोकसभा क्षेत्रों में एक मुजफ्फरपुर में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में लगातार सीधी टक्कर होती रही है. जार्ज फर्नान्डिस और कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद जैसे नेताओं ने मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है. लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण में 25 मई को मुजफ्फरपुर में मतदान होगा. 


गहरी पकड़ के बावजूद ढह गया कांग्रेस का किला


मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की गहरी पकड़ मानी जाती रही है. साल 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. 1977 और 1980 में जनता पार्टी की जीत हुई थी. 1989, 1991, 1996 में जनता दल ने जीत हासिल की. इसके बाद मौजूदा सांसद अजय निषाद के पिता कैप्टन जय नारायण निषाद यहां से चार बार सांसद रहे. 1996 में जनता दल से, 1998 में राजद से, 1999 और 2009 में जदयू से उन्होंने अपने नाम जीत दर्ज की. 


मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र का मौजूदा सियासी समीकरण


मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें मुजफ्फरपुर नगर, कुढऩी, सकरा, बोचहां, गायघाट और औराई शामिल हैं. पटना के बाद बिहार का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण शहर मुजफ्फरपुर माना जाता है. पिछले कुछ समय से यह लोकसभा क्षेत्र जातीय दांव-पेच का बड़ा अखाड़ा बन गया है. मुजफ्फरपुर में कोई एक या दो जाति कभी भी निर्णायक भूमिका में नहीं होती है. इसलिए किसी के साथ किसी का जुड़ना अधिक महत्वपूर्ण होता है. संख्या बल में भूमिहार, यादव, वैश्य, मुस्लिम, मल्लाह(निषाद) और कुशवाहा निर्णायक मोड में रहते हैं. 


मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र की डेमोग्राफी और जातीय समीकरण


मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटरों की संख्या 1,339,949 है. इसमें 622,714 महिला मतदाता हैं. वहीं, पुरुष वोटरों की आबादी 717,235 हैं. मुजफ्फरपुर में जातीय समीकरण भी दिलचस्प है. मुजफ्फरपुर में सवर्ण मतदाता साढ़े तीन लाख, यादव पौने दो लाख, मुस्लिम दो लाख और वैश्य सवा दो लाख हैं. इनके अलावा यहां अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों की भी अच्छी खासी संख्या है. इस सीट पर अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को विनिंग फ़ैक्टर के तौर पर देखा जाता है. 


मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास


मुजफ्फरपुर का राजनैतिक इतिहास देश की सियासी हवा के साथ बहता रहा. इमरजेंसी से पहले तक इस सीट पर कांग्रेस का बोलबाला था. 1977 में कांग्रेस विरोध की लहर के खिलाफ जॉर्ज फर्नांडिस उभरकर सामने आए. जॉर्ज ने जेल से ही बड़ी जीत दर्ज की थी. इसके साथ ही 1980 का चुनाव भी कांग्रेस के हाथ से निकल गई. समय के साथ वोटर के जातीय कुनबो में बंटने का दौर शुरू हुआ. उम्मीदवारी जातीय समीकरणों के सहारे तय होने लगी. इसके बाद कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद तीन बार सांसद रहे. अब उनके पुत्र अजय निषाद पिछले दो चुनावों से भाजपा के टिकट पर जीत कर सांसद हैं.


मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से अब तक चुने गए सांसदों की सूची


1952: श्याम नंदन सहाय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1957: अशोक रंजीतराम मेहता, पीएसपी
1962: दिग्विजय नारायण सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: दिग्विजय नारायण सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971: नवल किशोर सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: जॉर्ज फ़र्नान्डिस, जनता पार्टी
1980: जॉर्ज फ़र्नान्डिस, जनता पार्टी
1984: ललितेश्वर प्रसाद शाही, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989: जॉर्ज फ़र्नान्डिस, जनता दल
1991: जॉर्ज फ़र्नान्डिस, जनता दल
1996: जय नारायण प्रसाद निषाद, जनता दल
1998: जय नारायण प्रसाद निषाद, राष्ट्रीय जनता दल
1999: जय नारायण प्रसाद निषाद, जनता दल (यूनाइटेड)
2004: जॉर्ज फ़र्नान्डिस, जनता दल (यूनाइटेड)
2009: जय नारायण प्रसाद निषाद, जनता दल (यूनाइटेड)
2014: अजय निषाद, भारतीय जनता पार्टी
2019: अजय निषाद, भारतीय जनता पार्टी