Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक से बड़ी उम्मीदें हैं. यहां की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट से बीजेपी ने एक बार फिर सांसद पीसी मोहन पर दांव लगाया है. पीसी मोहन 2009 से लगातार बेंगलुरु सेंट्रल सीट जीत रहे हैं. इस बार भी पीसी मोहन चुनाव प्रचार में तेजी से जुटे हुए हैं. जिन लोगों तक वह खुद नहीं पहुंच पा रहे हैं, उन तक पहुंच बनाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. ऐसे में 'ज़ी न्यूज़' ने चुनाव लड़ रहे नेताओं का सोशल स्कोर निकाला है. इसे लीडर सोशल स्कोर (LSS) कहते हैं. इस आर्टिकल में बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट (कर्नाटक) से बीजेपी उम्मीदवार पीसी मोहन का लीडर सोशल स्कोर जानते हैं.


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पीसी मोहन तीन बार बेंगलुरु सेंट्रल सीट से जीतकर संसद पहुंच चुके हैं. पीसी मोहन पार्टी के दिग्गज नेता हैं. पीसी मोहन कर्नाटक में काफी पॉपुलर हैं. पीसी मोहन पर बीजेपी को पूरा भरोसा है, शायद यही वजह है कि पीसी मोहन का टिकट नहीं काटा गया है. चौथी बार पीसी मोहन बेंगलुरु सेंट्रल से मैदान में हैं.


पीसी मोहन के राजनीतिक सफर की बात करें तो शुरुआत से वह बीजेपी के ही साथ हैं. पीसी मोहन बीजेपी के कोषाध्यक्ष और ओबीसी विंग के चीफ के तौर पर काम कर चुके हैं. पीसी मोहन अलग-अलग समय पर बीजेपी में कई पदों पर रह चुके हैं. पीसी मोहन ने पहली बार 1999 में विधानसभा चुनाव लड़ा था.


पीसी मोहन चिकपेट विधानसभा से जीते थे और कर्नाटक विधानसभा पहुंच गए थे. इसके बाद पीसी मोहन 2004 में भी विधायक बने. चिकपेट विधानसभा सीट से लगातार दूसरी जीत ने पीसी मोहन को स्थापित कर दिया. इसके बाद पार्टी ने पीसी मोहन को लोकसभा चुनाव में मौका दिया और तब से वह अभी तक सांसद हैं.


गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में भी पीसी मोहन का जलवा रहा था. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी उम्मीदवार पीसी मोहन को 6 लाख से ज्यादा वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस कैंडिडेट रिजवान अरशद 5 लाख 31 हजार वोटों पर ही सिमट गए थे. पीसी मोहन ने रिजवान अरशद को 70 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया था. 2008 के परिसीमन के बाद बेंगलुरु सेंट्रल सीट अस्तित्व में आई थी और फिर 2009 में पहली बार यहां चुनाव हुए थे. तब से लेकर अब तक बीजेपी ही इस सीट पर काबिज है. पीसी मोहन लगातार सांसद बने हुए.


डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.