Lok Sabha Chunav Result 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत सुर्खियों में आ गई है. उत्तर प्रदेश में दो लड़कों की जोड़ी हिट रही. वहीं, योगी-मोदी की सियासी जुगलबंदी का ज्यादा असर नहीं दिखा. यूपी में कांग्रेस-सपा गठबंधन को 43 सीटों पर जीत मिली है. जिनमें सपा के खाते में 37 और कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आईं हैं. वहीं, भाजपा और उसके सहयोगी दलों मिलकर भी 40 का आंकड़ा पार नहीं कर पाए. एनडीए को यूपी में 37 सीटें मिली हैं. यूपी में मजबूत होते विपक्ष का श्रेय अखिलेश यादव को ज्यादा दिया जा रहा है.


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अखिलेश का कद बढ़ा...


अखिलेश यादव के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने यूपी की राजनीति को धर्म से बाहर निकालकर जाति आधारित कर दिया. लोकसभा चुनाव में उन्होंने पीडीए फॉर्मूला निकाला. अखिलेश का यह फॉर्मूला यूपी में हिट भी साबित हुआ. यूपी लोकसभा चुनाव के नतीजे इसकी गवाही दे रहे हैं. एनडीए को सबसे बड़ा झटका अयोध्या में लगा. जहां से भाजपा के कद्दावर प्रत्याशी लल्लू सिंह को हार का सामना करना पड़ा. यहां भाजपा की सियासत पूरी तरह से धर्म पर आधारित थी. लेकिन रामनगरी अयोध्या में धर्म पीछे छूट गया और अखिलेश का जाति आधारित पीडीए फॉर्मूला हिट साबित हुआ. 


बड़े-बड़े दावे हो गए फेल


चुनावी पंडितों ने भाजपा के लिए अयोध्या राम मंदिर को जीत का बड़ा दांव बताया था. भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले जब अपना सबसे बड़ा हिन्दू कार्ड चला तो लगने लगा था कि भाजपा 400 पार के नारे को पूरा भी कर लेगी. अयोध्या मंदिर के उद्घाटन के साथ ही पूरा देश राम मय हो गया था. विपक्ष का सूपड़ा साफ होने की बातें कही जा रहीं थी. इतना ही नहीं जानकारों ने यहां तक दावा कर दिया था कि लोकसभा चुनाव पूरी तरह से धर्म पर आधारित होगा और इसका फायदा भाजपा को मिलेगा.


अयोध्या में भाजपा की हार..


लेकिन नतीजे आए तो इन सभी दावों की हवा निकल गई. रामराज लाने का दावा करने वाली भाजपा को अयोध्या में ही मुंह की खानी पड़ी. और यहां भी अखिलेश यादव का पीडीए फॉर्मूला सुपरहिट रहा. राम मंदिर के उद्घाटन में नहीं जाने वाले अखिलेश यादव की पार्टी को अयोध्या में बड़ी जीत हासिल हुई. अखिलेश की अयोध्या में इस जीत ने साबित कर दिया कि लोगों ने धर्म के आधार पर नहीं बल्कि अखिलेश यादव के पीडिए फॉर्मूले पर ज्यादा भरोसा जताया.


वाराणसी में पीएम मोदी की जीत का अंतर घटा


अब बात करते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की. यहां के चुनावी नतीजों में भी धर्म दूर-दूर तक नहीं दिखा. बनारस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत तो हासिल हुई लेकिन इस विजय में वोटों का अंतर पिछले चुनाव के तुलना में घट गया. यहां भी लोगों ने अखिलेश और राहुल को खुले दिल से तरजीह दी. पीएम मोदी के सामने खड़े कांग्रेस नेता अजय राय को 4 लाख से ज्यादा वोट मिले. धर्मनगरी में इस नतीजे ने बड़े-बड़े चुनावी पंडितों के दावों के फुस्स कर दिया. वाराणसी के लिए हमेशा कहा जाता है कि यहां का लोकसभा चुनाव धर्म के आधार पर ही लड़ा जाता है. लेकिन अखिलेश यादव ने यहां भी अपने फॉर्मूले को हिट कर दिया.. भले ही उनके गठबंधन को जीत न मिली हो, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी ने पीएम मोदी के खिलाफ वोट खूब बटोरे.


यूपी में भाजपा 40 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई


पूरे उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां छठे और आखिरी चरण के मतदान से पहले चुनाव प्रचार में धर्म की एंट्री हो ही गई थी. पीएम मोदी ने आरोप लगाना शुरू कर दिया था कि विपक्ष आपकी संपत्ति मुस्लिमों में बांट देगा. हिन्दू-मुस्लिम को लेकर और भी नेताओं के बयान सामने आए थे. लेकिन जब नतीजे आए तो भाजपा की सीट घट गई और यूपी में अखिलेश ने अकेले 37 सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस ने यूपी में 6 सीटों पर जीत दर्ज की. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यूपी में धर्म को पछाड़ कर अखिलेश का ही पीडीए फॉर्मूला हिट रहा...