Sudarshan Singh Rawat Rajasthan: राजस्थान कांग्रेस ने इस बार राजसमंद सीट से सुदर्शन सिंह रावत को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. जी हां, सुदर्शन पहली बार संसदीय चुनाव में उतरने वाले थे. बाद में कांग्रेस को अपना कैंडिडेट बदलना पड़ा. भीलवाड़ा से घोषित प्रत्याशी दामोदर गुर्जर को राजसमंद से लड़ाया गया. यहां से भाजपा ने महिमा विश्वेश्वर सिंह को उतारा. राजसमंद का इतिहास रहा है कि यहां से ज्यादातर राजघराने ही चुनाव जीतते रहे हैं. इससे पहले 2018 में सुदर्शन विधायक बन चुके हैं. 


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सोशल मीडिया पर सक्रियता कम!


सुदर्शन सोशल मीडिया पर कम सक्रिय रहते हैं. यह हम नहीं उनका सोशल मीडिया स्कोर कह रहा है. 'ज़ी न्यूज' ने उनका सोशल मीडिया स्कोर निकाला है. फेसबुक पर उनके 74 हजार फॉलोअर हैं. वह इंस्टाग्राम पर भी मौजूद हैं. यहां उनके 25 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. उनका सोशल मीडिया स्कोर काफी कम है. फेसबुक स्कोर 15, इंस्टाग्राम 21 और एक्स स्कोर 6 है. वह पूर्व सीएम अशोक सिंह गहलोत के करीबी माने जाते हैं. पहले सुदर्शन सिंह रावत के बारे में जान लीजिए.


- सुदर्शन सिंह रावत के पिता लक्ष्मण सिंह पूर्व मंत्री रहे हैं. कह सकते हैं कि सुदर्शन को राजनीति विरासत में मिली है. 


- इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत तीन बार भीम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे. इस दौरान वह प्रदेश के गृह राज्य मंत्री रहे.


- अशोक गहलोत की सरकार में वह मगरा विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं. 


- सुदर्शन के दादा फतेह सिंह भी विधायक रह चुके हैं.


- 2018 में सुदर्शन सिंह रावत ने भीम विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के हरि सिंह चौहान को 3714 वोट से हराया था. 


- पढ़ाई की बात करें तो सुदर्शन पोस्ट ग्रैजुएट हैं. 


- राजसमंद, मेवाड़ की महत्वपूर्ण सीट हैं. इसमें आठ विधानसभा आती है. एक लेटर के हवाले से पता चला था कि सुदर्शन चाहते हैं कि किसी युवा को यहां से मौका दिया जाए. उन्होंने व्यस्तता की बात कही थी. 


डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.