Bellari Election 1999: पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिग्गज नेता रहीं सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) देश के राजनीतिक इतिहास का अहम हिस्सा हैं. सुषमा स्वराज की शख्सियत ऐसी थी कि उनका नाम हर पार्टी के सियासी नेता आज भी बड़े आदर से लेते हैं. 'किस्सा कुर्सी का' में आज हम आपको सुषमा स्वराज के लोकसभा चुनाव कैंपेन की दिलचस्प कहानी बताएंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा चुनाव 1999 में सुषमा स्वराज ने कर्नाटक के बेल्लारी से पर्चा भरा था. इससे भी दिलचस्प है कि उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इन चुनाव में प्रचार के दौरान सुषमा स्वराज ने लोगों को दिल जीत लिया था.


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सुषमा स्वराज ने कैसे तोड़ी भाषा की दीवार?


बता दें कि दिल्ली की सुषमा स्वराज का दक्षिण भारत के कर्नाटक में जाकर चुनाव लड़ना आसान नहीं था. क्योंकि वहां की भाषा सुषमा स्वराज को नहीं आती थी. सुषमा स्वराज के सामने दिक्कत थी कि जब कर्नाटक की भाषा कन्नड़ नहीं आती है तो बेल्लारी के लोगों से कैसे घुले-मिलें. अंग्रेजी के जरिए ये किया जा सकता था लेकिन आम लोगों तक पहुंच बनाने के लिए कन्नड़ भाषा जरूरी थी. फिर जो सुषमा स्वराज ने किया वो आज भी कोई नहीं भूल पाया है.


जब 1 महीने में सीख ली कन्नड़ भाषा


जान लें कि बेल्लारी के एक-एक वोटर से उसकी ही भाषा में सीधी बात करने के लिए सुषमा स्वराज ने एक महीने के अंदर ही कन्नड़ भाषा सीख ली थी. बेल्लारी की इलेक्शन रैली में जब सुषमा स्वराज मंच पर चढ़ीं तो सबने सोचा कि वह हिंदी या इंग्लिश में भाषण देंगी. आम लोगों के लिए कोई कार्यकर्ता उनके भाषण को कन्नड़ में ट्रांसलेट करेगा. लेकिन सुषमा स्वराज ने बेल्लारी में कन्नड़ में भाषण दिया. उन्हें कन्नड़ में भाषण देते हुए देख जनता उछल पड़ी और खूब वाहवाही की.



विदेशी बहू Vs स्वदेशी बेटी का चुनाव


गौरतलब है कि सुषमा स्वराज ने इस चुनाव को विदेशी बहू Vs स्वदेशी बेटी का चुनाव बनाने की कोशिश की थी. क्योंकि सुषमा स्वराज खुद भारत की थीं और सोनिया गांधी इटली से भारत में आकर बसी थीं. हालांकि, सुषमा स्वराज चुनाव नहीं जीत पाई थीं. सोनिया गांधी ने सुषमा स्वराज को करीब 56 हजार वोटों से मात दे दी थी. लेकिन आज भी सुषमा स्वराज Vs सोनिया गांधी के चुनाव की चर्चा खूब होती है. भले ही सुषमा स्वराज तब चुनाव नहीं जीत पाईं लेकिन बड़ी संख्या में बेल्लारी के लोगों को दिल उन्होंने जीता था.