वोट डालने के लिए कंटीले तार पार करके क्यों आए 2500 मतदाता, आखिर ये माजरा क्या है?
Tripura News: त्रिपुरा 856 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है, जहां लगभग बड़ी संख्या में लोग बाड़ के उस पार रहते हैं, खासकर सिपाहीजला जिले और पश्चिम जिले में रहते हैं. उन सबने चुनाव में हिस्सा लिया है.
Loksabha Chunav 2024: लोकतंत्र का महा उत्सव शुक्रवार से शुरू हो गया और पहले चरण का मतदान पूरा हुआ. इस दौरान 21 राज्य की 102 सीटें पर दांव लग गया है. उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम मशीनों में बंद हो गया है. इसी कड़ी में त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगे तार के बार्डर को लांघकर लगभग 2500 वोटर्स अपना मतदान करने के लिए आए. तार के बाड़ ने भले ही उनकी जिंदगी में खलल डाला है लेकिन उन्होंने लोकतंत्र के इस पर्व में अपना वोट देने का मौका नहीं छोड़ा. कई जगह पर यह देखा गया कि तय समय के बीच भी लंबी कतारें लगी हुई थीं.
असल में त्रिपुरा 856 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है, जहां लगभग बड़ी संख्या में लोग बाड़ के उस पार रहते हैं, खासकर सिपाहीजला जिले और पश्चिम जिले में रहते हैं. उन सबने चुनाव में हिस्सा लिया है.
मतदान संपन्न हो गया...
उधर चुनाव आयोग के मुताबिक पहले चरण के मतदान के लिए देश भर में 1.87 लाख मतदान केंद्र बनाए गए थे. इन मतदान केंद्रों पर कुल 16.63 करोड़ से अधिक मतदाता थे. कुलमिलाकर मतदान संपन्न हो गया है. हालांकि कहीं गोलियां चलीं, कहीं बम जरूर मिले. यहां तक कि बीजापुर में चुनाव ड्यूटी में लगे सीआरपीएफ कांस्टेबल देवेंद्र कुमार शहीद हुए हैं. उपद्रवियों ने कूच विहार में बम फोड़े, मणिपुर में फायरिंग भी हुई लेकिन मतदान चलता रहा.
कड़ी निगरानी रखी गई..
शराब, नशीले पदार्थों, नकदी आदि की अवैध खेप पर नजर रखने के लिए 1,374 अंतरराज्यीय और 162 अंतरराष्ट्रीय सीमा चौकियों पर निगरानी रखी गई. शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए सड़क मार्ग और सीमाओं के अलावा समुद्री और हवाई मार्ग पर भी कड़ी निगरानी रखी गई.
त्रिपुरा पश्चिम के निर्वाचन अधिकारी विशाल कुमार ने कहा मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा है. मतदाताओं को बूथों पर जाने से रोकने, पोलिंग एजेंटों को बाहर निकालने और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों ईवीएम में खराबी की कुछ शिकायतें मिली हैं. हम सभी शिकायतों की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं.