UP BYpolls: मायावती फिर चर्चा में हैं., कारण कुछ अलग है. असल में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक बार फिर अपनी रणनीति से सबको चौंका दिया है. अपने राजनीतिक अनुभव और सूझबूझ से अलग फैसले लेने के लिए जानी जाने वाली मायावती ने इस बार यूपी उपचुनाव में अपने उत्तराधिकारी आकाश आनंद को सीधे तौर पर शामिल नहीं किया है. यूपी में नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव हो रहे हैं, जो बीएसपी के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा की तरह है. फिर भी मायावती ने आकाश आनंद को महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावी जिम्मेदारी सौंपी है, जहां विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं.


इन दोनों राज्यों में बीएसपी का जनाधार नहीं


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महाराष्ट्र और झारखंड में आकाश आनंद को पार्टी के चुनाव अभियान की जिम्मेदारी मिली है. इन दोनों राज्यों में बीएसपी का ज्यादा जनाधार नहीं है, लेकिन मायावती ने यहां पार्टी के प्रदर्शन को मजबूत करने की कोशिशें शुरू की हैं. महाराष्ट्र में बीएसपी ने 288 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि झारखंड में भी सभी सीटों पर पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. दोनों ही जगहों पर पहले के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षा से काफी कम रहा है, जिससे इस बार इन राज्यों में आकाश की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है.


आकाश की पहचान युवा नेतृत्व


चुनावी एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसा सिर्फ मायावती ही कर सकती हैं. आकाश की पहचान युवा नेतृत्व के रूप में उभर रही है, और उनका दृष्टिकोण पारंपरिक बीएसपी कार्यशैली से थोड़ा अलग है. मायावती चाहती हैं कि यूपी उपचुनाव में पार्टी की कोर टीम का फोकस बना रहे और आकाश की नई कार्यशैली से कोर टीम के काम में कोई रुकावट न आए. इसके साथ ही, झारखंड और महाराष्ट्र में आकाश को आगे बढ़ाने से उनके नेतृत्व कौशल को मजबूत करने का अवसर भी मिलेगा.


बीएसपी के लिए एक महत्वपूर्ण मौका


इधर यूपी उपचुनाव के अलावा, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव बीएसपी के लिए एक महत्वपूर्ण मौका हो सकते हैं. यूपी उपचुनाव में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में मायावती ने सतीश चंद्र मिश्रा को दूसरे और आकाश आनंद को तीसरे स्थान पर रखा है, जबकि महाराष्ट्र और झारखंड में आकाश का नेतृत्व पार्टी को नई दिशा देने की एक कोशिश हो सकती है. अब देखना यह है कि मायावती की यह रणनीति पार्टी के लिए कितनी फायदेमंद साबित होती है.