हमारी आरजू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती... राघव चड्ढा का कांग्रेस पर शायराना वार
AAP Congress: आम आदमी पार्टी हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार गुप्ता ने भी कहा कि अगर दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा होता, तो आज हम 70 से ज्यादा सीटों पर जीत का परचम लहरा चुके होते.
Haryana Vidhansabha Chunav: हरियाणा चुनाव का परिणाम आते ही प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. इसी बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार पर शायराना अंदाज में तंज कसा. आप सांसद राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती, आज वो भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती.
असल में राघव चड्ढा ने इशारों में इशारों में यह कहने की कोशिश की है कि अगर हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा होता, तो आज हम जीत का परचम लहरा चुके होते, मगर अफसोस ऐसा नहीं हो सका.
गठबंधन होने की चर्चा जोरों पर थी
हुआ यह कि हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होने की चर्चा जोरों पर थी. इस संबंध में कई बैठकें भी हुईं, लेकिन वह सार्थक नहीं हो सकी. इसके बाद दोनों पार्टियों ने अपनी राहें जुदा करते हुए अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि न ही कांग्रेस हरियाणा चुनाव में कुछ खास कर सकी और आम आदमी पार्टी की दुर्गति का अंदाजा महज इसी से लगाया जा सकता है कि यह पार्टी राज्य में अपना खाता भी नहीं खोल सकी.
अगर दोनों ने गठबंधन चुनाव लड़ा होता..
इससे पहले, आम आदमी पार्टी के हरियाणा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार गुप्ता ने भी कहा कि अगर दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा होता, तो आज हम 70 से ज्यादा सीटों पर जीत का परचम लहरा चुके होते. उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय स्तर पर हमने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, तो भारतीय जनता पार्टी को बैसाखियों पर ला दिया था. इसी तरह मुझे पूरा विश्वास है कि अगर हमने हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के साथ गठबंधन किया होता, तो हम निश्चित तौर पर 70 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रहते.
हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी के खाते में 48 सीटें आई हैं, जबकि कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत मिली है. हालांकि, शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही थी, जबकि भाजपा पिछड़ती हुई, लेकिन इसके बाद स्थिति कुछ इस तरह बदली कि भाजपा कांग्रेस को पछाड़कर जीत की हैट्रिक लगाने में सफल हुई.