Top Ki Flop: दिल में रह गई दिल्ली की बात, डायरेक्टर ने डुबा लिया खुद को शराब में
Abhishek Bachchan Film: रंग दे बसंती जैसी फिल्म के बाद लोगों को निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा की अगली फिल्म दिल्ली 6 से बड़ी उम्मीदें थीं. लेकिन बात नहीं बनी. अच्छे खासे प्रचार और मसक्कली गाने के बावजूद फिल्म चल नहीं पाई. नतीजा यह कि निर्देशक ने निराश होकर खुद को शराब में डुबा लिया.
Rakesh Omprakash Mehra Film: रंग दे बसंती जैसी हिट फिल्म देने वाले राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने जब दिल्ली 6 बनाई तो सभी को उम्मीद थी कि वह दर्शकों के सामने फिर कुछ अच्छा लेकर आएंगें. रंग दे बसंती से समाज और देश में एक नई क्रांति की बात कहने वाले राकेश ओमप्रकाश मेहरा दिल्ली 6 से फिर कुछ नए विचार दर्शकों के सामने रखेंगे. वैसा हुआ भी. राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने दिल्ली 6 में एक अलग कहानी तो दिखाई लेकिन दर्शकों का मनोरंजन करने में वह नाकामयाब रहे. एक अलग और अच्छी कहानी होने के बावजूद फिल्म कमर्शियली बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित नहीं हुई. यह फिल्म 2009 में रिलीज हुई थी. फिल्म की स्क्रिप्ट राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने प्रसून जोशी तथा कमलेश पांडे के साथ मिलकर लिखी थी. अभिषेक बच्चन, सोनम कपूर, वहीदा रहमान, ऋषि कपूर, आदिति राव हैदरी, सुप्रिया पाठक, अतुल कुलकर्णी, पवन मल्होत्रा, दिव्या दत्ता तथा विजय राज की फिल्म में मुख्य भूमिकाएं थी.
बात मंकी मैन की
फिल्म, दिल्ली 6 नामक एक ऐसी जगह की कहानी थी, जहां अलग-अलग धर्म के लोग संकरी गलियों और पुराने घरों में साथ रहते हैं. वे लोग समय के हिसाब से नहीं बदले और न ही उनकी सोच बदली. ये लोग आज भी धर्म और जात-पात से परे हटकर मिलजुलकर रहते हैं. इसी बीच फिल्म का नायक रोशन (अभिषेक बच्चन) न्यूयॉर्क से दिल्ली अपनी बीमार दादी (वहीदा रहमान) को छोड़ने के लिए आता है, जो अपने अंतिम दिन अपने पुश्तैनी घर में गुजारना चाहती है. उसे दिल्ली 6 के लोग किसी अजूबे से कम नहीं लगते. लेकिन बाद में परिस्थितियां कुछ ऐसी घटती हैं कि फिल्म के अंत में वह वापस न्यूयॉर्क नहीं जाना चाहता और उसकी दादी अपने ही लोगों से खफा होकर लौटना चाहती है. फिल्म में मंकी मेन वाला एंगल भी दिखाया गया था.
कैसे हुई फ्लॉप
एक अच्छी फिल्म होने के बावजूद दिल्ली 6 को दर्शकों का प्यार नहीं मिला. फिल्म को रिलीज होने के पहले हफ्ते में अच्छी ओपनिंग मिली. लेकिन अगले ही हफ्ते में फिल्म बैठ गई. कारण था फिल्म की स्क्रिप्ट का कसा हुआ नहीं होना, जिसके कारण राकेश अपनी बात ठीक तरह से दर्शकों के सामने नहीं रख पाए. फिल्म का क्लाइमेक्स लोगों ने बिल्कुल पसंद नहीं किया. इस फिल्म के फ्लॉप होने से राकेश ओमप्रकाश को इतना बड़ा धक्का लगा कि उन्होंने अपने आप को शराब में डूबो लिया. वह अपने परिवार और आसपास के लोगों से अलग-थलग रहने लगे. इस फिल्म ने उन्हें बुरी तरह से हिलाकर रख दिया. वह इस बात को समझ नहीं कर पा रहे थे कि रंग दे बसंती जैसी हिट फिल्म देने के बाद उनकी अगली फिल्म कैसे फ्लॉप हो गई. उनसे कहां और क्या कमी रह गई जो दर्शक इस फिल्म को पसंद नहीं कर सके. यह सब बातें राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अपनी ऑटोबागोग्राफी द स्ट्रेंजर इन द मिरर में बताई है.
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