Ayshmann Khurrana: पिता के अंतिम संस्कार में आयुष्मान दिखे रंगीन चश्मे में; लोग बोले- बॉलीवुड का स्वैग, बाप जाए पर चश्मा न जाए
Ayshmann Khurrana Family: कई बार बॉलीवुड सेलेब्रिटी आगे कुआं पीछे खाई जैसी मुश्किल में फंस जाते हैं. आयुष्मान खुराना अपने पिता के अंतिम संस्कार में रंगीन चश्मे में नजर आए, तो कई लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन कुछ का कहना है कि अगर शोक में वह वास्तविक दिखते तब भी लोग बातें बनाने से पीछे नहीं रहते.
Ayshmann Khurrana In Chandigarh: बीते तीन-साढ़े तीन साल से आयुष्मान खुराना करियर के संकट से जूझ रहे हैं और हाल में उन्होंने पिता को भी खो दिया. बीती 16 मई को, उनके पिता और चंडीगढ़ के प्रसिद्ध ज्योतिषि पी खुराना का मोहाली, पंजाब में लंबी असाध्य बीमारी के कारण निधन हो गया. आयुष्मान और उनके छोटे भाई अपारशक्ति खुराना इस दुख से उबर भी नहीं पाए कि सोशल मीडिया में इस सितारे के एक वीडियो पर बहस शुरू हो गई है. असल में एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें आयुष्मान पिता के अंतिम संस्कार में धूप का चश्मा पहने हुए हैं. कई लोग इस बात के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल कर रहे हैं.
कमाल की बात है
हाल में सामने आए वीडियो में आयुष्मान खुराना पिता को कंधा देते हुए और उनका अंतिम संस्कार करते हुए नजर आ रहे हैं. जिसमें वह रंगीन चश्मा लगाए हुए हैं. इस क्लिप के वायरल होते ही लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. एक यूजर ने लिखा कि बॉलीवुड का स्वैग बब्बू भैया, बाप जाए पर चश्मा न जाए. वहीं एक अन्य ने लिखा कि आयुष्मान के गॉगल्स नहीं हट रहे, कमाल की बात." वहीं एक व्यक्ति ने प्रतिक्रिया दी कि आयुष्मान के जीवन में हुई इस क्षति से बहुत दुख पहुंचा है, लेकिन उन्हें चश्मा तो उतार देना चाहिए था. वहीं एक यूजर ने सवाल उठाया कि क्या ये चश्मा पहनना जरूरी था.
तो फिर मीम बन जाते
वीडियो देखकर आयुष्मान के कई प्रशंसक उनके समर्थन में भी सामने आए और ट्रोल्स को जमकर खरी-खोटी सुनाई. एक प्रशंसक ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि वह चश्मा क्यों पहने हैं, उन्हें समझना चाहिए कि भाई वह इतना रोए होंगे कि आंखें सूजी होंगी. फिर वह एक मशहूर हस्ती हैं. अगर बिना चश्मे के नजर आते तो तुम लोग फिर उन तस्वीरों के मीम बनाते कि रियल में ऐसा दिखता है! दूसरों को बोलने से पहले खुद पर भी गौर करना चाहिए. उल्लेखनीय है कि आयुष्मान के पिता पिछले कई सालों से अस्वस्थ चल रहे थे. वह दिल की बीमारी से जूझ रहे थे और मोहाली के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. उनका अंतिम संस्कार चंडीगढ़ के मनीमाजरा श्मशान घाट में किया गया था.