Saeed Jaffrey emotional letter to first wife: बॉलीवुड एक्टर सईद जाफरी (Saeed Jaffrey), जिन्होंने ब्रिटिश, अमेरिकन और इंडियन करीब 150 फिल्मों में काम किया. बेहतरीन एक्टर रहे सईद की जिंदगी का एक पहलू ऐसा भी रहा जहां इन्होंने खुदको अपनी पहली पत्नी का गुनहगार बताया. जी हां, सईद ने ये कहते हुए अपनी पत्नी महरुनिमा और तीन बच्चों को ठुकरा दिया कि उनकी पत्नी स्टैंडर्ड नहीं है और ब्रिटिश एक्ट्रेस से दूसरी शादी कर ली. शादी के चंद सालों बाद जब उनकी पत्नी एक नामी शख्सियत बन गई तो उन्हें अपने इस फैसला का खूब पछतावा हुआ और उन्हें ये पछतावा एक खत में लिखा.


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दोनों ने 1958 में शादी कर ली
दिल्ली में ऑल इंडिया रेडियो और अंग्रेजी नाटकों में साथ काम करते हुए सईद और महरुनिमा को एक-दूसरे से मोहब्बत हो गई. जब महरुनिमा स्कॉलरशिप में ड्रामा पढ़ने विदेश गईं तो सईद भी विदेश चले गए. वहां सईद ने उन्हें शादी के प्रस्ताव दिया और महरुनिमा के परिवार की रजामंदी ना होने के बावजूद दोनों ने 1958 में शादी कर ली. दोनों के तीन बच्चे हुए. सईद ब्रिटिश कल्चर से बहुत प्रभावित थे और खुद भी उसी कल्चर में ढल गए थे. वहीं महरुनिमा एक बेहतरीन स्टेज आर्टिस्ट होने के बावजूद घरेलू महिला बन गईं. सईद उनपर ब्रिटिश कल्चर अपनाने का दबाव बनाते थे.


अनबन इतनी बढ़ गई कि दोनों ने 1966 में तलाक ले लिया. सईद का दिल ब्रिटिश एक्ट्रेस जैनिफर पर आ गया और दोनों ने शादी कर ली. शादी के कुछ सालों बाद सईद ने एक मैग्जीन में महरुनिमा की तस्वीर देखी, जिसके साथ लिखा था, कि नामी लेखिका मधुर ने अपनी रेसिपी बुक लॉन्च की है. जिन्हें सईद ने लो स्टैंडर्ड कहते हुए छोड़ दिया वो मधुर दुनियाभर में पॉपुलर हो चुकी थीं. सईद ने महरुनिमा से मुलाकात करनी चाही तो उन्होंने इनकार कर दिया, महरुनिमा भी दूसरी शादी कर आगे बढ़ चुकी थीं.


सईद ने लिखा इमोशनल लैटर


सईद ने अपनी डायरी में महरुनिमा को छोड़ने का अफसोस जताते हुए लिखा, मैं जो चाहता था वो वैसी बिल्कुल नहीं थी. मैंने जितना उसे बदलने की कोशिश की वो उतनी ही दूर चली गई. इसी समय मैं अपनी को-स्टार की तरफ आकर्षित हो गया. उसमें वो सब था जो मुझे चाहिए था. 10 साल की शादी के बाद मैंने महरुनिमा को तलाक दे दिया.दूसरी शादी के शुरुआती महीनों में सब ठीक चला लेकिन फिर सईद जाफरी को एहसास हो गया कि उनकी दूसरी पत्नी उनका उतना ख्याल नहीं रखती जितना कि पहली पत्नी रखा करती थी. बाद में सईद ने लिखा कि उन्हें जिंदगी की सबसे बड़ी सीख ये मिली कि जिससे हम प्यार करते हैं, उसे कभी बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, वो जैसा है, उसे वैसा ही अपनाना चाहिए. 86 साल की उम्र में सईद का ब्रैन हैमरेज से लंदन में निधन हो गया.