Kamal Amrohi Life facts: हिंदी सिनेमा के मास्टर कहे जाने वाले फिल्ममेकर कमाल अमरोही (Kamal Amrohi) जिन्होंने 45 सालों के करियर में पाकीजा, महल, रजिया सुल्तान, दायरा जैसी महज 4 फिल्में दीं. परफेक्शन के ऐसे जुनूनी थे कि इन्होंने आइकॉनिक फिल्म पाकीजा को ही जिदंगी के 18 साल दिए.परफेक्शन का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इन्होंने रजिया सुल्तान के एक सीन के लिए 45 बकरों, 455 मुर्गों से डेढ टन बिरयानी और शाही खाना बनवाया था.ऐसा इसलिए जिससे सेट पर मौजूद लोगों को शाही खाने का माहौल मिले. 


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लिखी पहली हॉरर फिल्म


कमाल अमरोही बचपन से ही लिखने में माहिर थे.जब घरवालों के खिलाफ लाहौर पढ़ने गए तो एक लोकर उर्दू मैग्जीन में काम मिल गया.फिर केएल सहगल ने इंप्रेस होकर इन्हें सोहराब मोदी के मिनर्वा प्रोडक्शन हाउस में काम दिया.इनकी लिखी जेलर फिल्म की स्क्रिप्ट सोहराब को इतनी पसंद आई कि प्रोडक्शन ने इन्हें 750 रुपए के कॉन्ट्रैक्ट में साइन कर लिया.चंद फिल्मों के लेखन के बाद कमाल ने 1949 की फिल्म महल से बतौर डायरेक्टर काम शुरू किया.ये हिंदी सिनेमा की पहली हॉरर फिल्म थी, जिसने कमाल को पहली ही फिल्म से बड़े डायरेक्टर का दर्जा दिलाया.


मीना कुमारी से की शादी


इसी बीच इनकी जिंदगी में मीना कुमारी आईं.दोनों ने सीक्रेट शादी की और साथ रहने लगे. कमाल इतने एटीट्यूड से भरे थे कि एक बार एक इवेंट में उनका परिचय मीना कुमारी के पति के तौर पर हुआ तो वो गुस्से में पार्टी छोड़कर चले गए थे. उन्हें किसी से मिलवाते हए मेजबान ने कहा था-मिलिए कमाल अमरोही से जो कि मीना कुमारी के पति हैं. कमाल ने उन्हें टोकते हुए कहा था-नहीं मैं कमाल अमरोही हूं और ये मेरी पत्नी मीना.


मीना कुमारी हुईं सख्ती से परेशान


इसके बाद एक इवेंट में मीना कुमारी कमाल अमरोही के साथ गई थीं जहां वो कुर्सी पर अपना पर्स रखकर भूल गई थीं. घर आकर एक एक्ट्रेस ने उन्हें ये पर्स दिया तो उन्होंने कमाल अमरोही से पूछा कि क्या आपको कुर्सी पर रखा पर्स नहीं दिखा था तो कमाल ने उत्तर दिया था-दिखा था लेकिन आज पर्स उठाता और फिर कल चप्पल इसलिए मैंने उसे वहीं छोड़ दिया. जब कमाल की फिल्म दायरा फ्लॉप हो गई तो कमाल ने 1954 में मीना पर पाकीजा बनाने का फैसला किया.फिल्म पर काम शुरू हुआ लेकिन चंद सालों में ही इनकी सख्तियों से परेशान मीना ने इनसे तलाक ले लिया. इससे पाकीजा फिल्म रुक गई.सालों बाद 1964 में मीना ने हीरोइन बनने का वादा पूरा किया और फिल्म फिर शुरू हो गई.18 सालों में फिल्म बनी और 4 फरवरी 1972 को रिलीज हुई लेकिन अफसोस की अगले ही महीने 31 मार्च को मीना कुमारी का लीवर सिरोसिस से निधन हो गया.