Chatrapati Shivaji: महान मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी पर बॉलीवुड कोई बड़ी फिल्म नहीं बना सका है. हाल के वर्षों में लगातार बायोपिक और ऐतिहासिक फिल्में बनी हैं, परंतु छत्रपति शिवाजी पर कोई फिल्म अभी तक नहीं आई है. लेकिन ऐसा नहीं है कि यह कोशिश नहीं हुई. दो बार बड़े प्रयास हुए और दोनों ही बार फिल्में नहीं बन सकीं. रोचक बात यह है कि इन दोनों फिल्मों में एक ही एक्टर को लिया गया. मगर दोनों ही बार किस्मत धोखा दे गई. यह एक्टर थे, बेहतरीन एक्टर बलराज साहनी (Balraj Sahni) के बेटे परीक्षित साहनी. 1970 के दशक में वह बड़े निर्देशकों के साथ काम कर रहे थे. व्यस्त ऐक्टरों में थे.


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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्म
बलराज साहनी को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज पर ये फिल्में हिंदी और अंग्रेजी में बननी थी. शिवाजी महाराज पर पहली फिल्म बनाने की योजना हिंदी में बनी. इसे दो प्रतिष्ठित लेखकों, के ए अब्बास और मनोहर मालगांवकर ने मिलकर लिखा था. इस फिल्म में छत्रपति शिवाजी की भूमिका में परीक्षत को लिया गया. फिल्म में उनकी पत्नी के रूप में स्मिता पाटिल (Smita Patil) को लिया गया था. इस फिल्म में अमरीश पुरी (Amrish Puri) को दिल्ली के बादशाह औरंगजेब की भूमिका दी गई थी. फिल्म में श्रीराम लागू (Shreeram Lagoo) और प्रसिद्ध थिएटर अभिनेत्री विजया मेहता को भी अहम भूमिकाओं में साइन किया गया था. फिल्म की शूटिंग रायगढ़ (Raigarh) और जयपुर के रीयल लोकेशनों पर तथा किलों में शुरू हुई. फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाने की योजना थी. लेकिन फिल्म को वित्तीय संकटों में फंस गई और कुछ समय बाद इसे बंद कर दिया गया.


हो गया भीषण हादसा
परीक्षत साहनी को लेकर की एक बार फिर से छत्रपति शिवाजी पर फिल्म बनाने की कोशिश हुई. फिल्म को महाराष्ट्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जा रही थी. फिल्म में सुनील दत्त (Sunil Dutt) को भी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई थी. जबकि नूतन (Nutan) इस फिल्म में शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई की भूमिका में थीं. फिल्म का निर्देशन राम गबाले कर रहे थे. फिल्म की शूटिंग जयपुर (Jaipur) में हो रही थी. शूटिंग के दौरान परीक्षत साहनी घोड़े पर सवार थे और तभी एक जगह फिसलन की वजह से घोड़े से गिर गए. उनके पूरे शरीर पर गंभीर चोटें आईं और कई हड्डियां टूट गईं. परीक्षित साहनी एक महीने से अधिक समय तक अस्पताल में रहे और जब अस्पताल से बाहर आए, तो महीनों तक चल नहीं सके. इसके बाद अगले चार वर्षों तक वह शूटिंग नहीं कर पाए. इस बीच लंबा समय गुजरने के कारण शिवाजी महाराज पर बन रही यह फिल्म नहीं. इसके बार परीक्षित साहनी का फिल्मी करियर भी लगभग खत्म हो गया.