Dharmendra, Sunny Deol, Bobby Deol Films: बॉलीवुड का सिनेमा लगातार रीमेक और दूसरी भाषाओं की फिल्मों की नकल के चक्कर में ऐसा फंसा कि अब उसके एक्टरों को रीजनल फिल्मों में काम ढूंढना पड़ रहा है. पूरी तरह से हीरो पर निर्भर हो जाने वाले बॉलीवुड में निर्देशक और लेखक दोयम दर्जे पर चले गए और यही कारण है कि अच्छी हिंदी फिल्मों का अकाल पड़ गया है. बॉलीवुड में पैसे वाले प्रोडक्शन हाउसों और सितारों ने निर्देशकों और लेखकों पर धन खर्च नहीं किया. नतीजा यह है कि बॉक्स ऑफिस पर कामयाब फिल्मों के सीक्वल लिखवाने में उन्हें बरसों बरस लग जाते हैं. 15 साल पहले आई देओल परिवार की फिल्म अपने (2007) इसी बात का नमूना है. फिल्म में पिता धर्मेंद्र और उनके दोनों बेटे, सनी तथा बॉबी लीड रोल में थे. लेकिन आज तक इसका सीक्वल नहीं आया. इसकी वजह अब बॉबी देओल ने बताई है.


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अपने 2 अधूरा सपना
तेलुगु फिल्म हरि हर वीरमल्लू से साउथ में डेब्यू की तैयारी कर रहे बॉबी ने बताया है कि अपने 2 की स्क्रिप्ट सालों-साल से लिखी जा रही है, लेकिन आज तक फाइनल नहीं हो सकी. बॉबी से पूछा गया था कि वह अपने पिता के साथ अगली फिल्म में कब दिखाई देंगे. इसके जवाब में बॉबी ने कहा कि मैं पापा के साथ अपने 2 करना चाहता हूं. लेकिन फिल्म की स्क्रिप्ट फाइनल नहीं हो पा रही है. असल में यह कई साल से लिखी जा रही है और हर नया ड्राफ्ट या अपने 2 की हर नई कहानी में ऐसा कुछ नहीं दिखता कि उसे फिल्म के रूप में शूट किया जाए. बॉबी ने साफ कहा कि हम इस फिल्म को तब तक शूटिंग के लेवल तक नहीं ले जाएंगे, जब तक सही स्क्रिप्ट नहीं मिल जाती. उल्लेखनीय है कि बीते कई वर्षों में रह-रह कर खबरें आती रही हैं कि अपने 2 की शूटिंग शुरू होने वाली है.


पटरी पर लौटा करियर
इस बातचीत में बॉबी ने स्क्रिप्ट को लेकर एक और महत्वपूर्ण बात कही कि कोई भी प्रोजेक्ट स्क्रिप्ट के लेवल पर ही फेल होता है और ऐसे में एक सही स्क्रिप्ट की तलाश वाकई सबसे महत्वपूर्ण होती है. उल्लेखनीय है कि बॉलीवुड इस समय अच्छे कहानीकारों और स्क्रिप्ट राइटरों का ही संकट झेल रहा है. बॉबी देओल का करियर भी हाल के वर्षों तक पटरी पर लौटा और वह तब कमबैक कर सके, जब उन्हें क्लास ऑफ 83 जैसी फिल्म तथा आश्रम जैसी वेब सीरीज मिली.


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