Jatin Sarna Movies: पिछले साल आपकी वेब सीरीज आई, खाकी (नेटफ्लिक्स पर). अब नया साल आ गया है. इस बरस के बारे में क्या सोचा हैॽ
-यही सोचा है कि अभी तक जिंदगी में जो कमी रही है, वो पूरी कर दें. अभी तक यही हो रहा है कि बड़ी फिल्में, बड़े निर्देशकों के साथ करने के बाद भी बार-बार खुद को साबित करना पड़ता है. अब कुछ ऐसा हो, जो क्लिक कर जाए.


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-आपने वह क्या काम किया है, जो इस साल आएगा. 2022 में आपकी फिल्म नहीं आई. आखिर फिल्म 83 थी!
-ऐसा नहीं कि 2022 के लिए मेरे पास फिल्में नहीं थीं. बड़े प्रोड्यूसरों की बड़ी फिल्में थीं. बड़े स्टार्सवाली. मगर जो रोल ऑफर हुए, वे ऐसे नहीं थे कि उन्हें करने में मजा आता. न उन फिल्मों को करते हुए स्टार से कोई कनेक्शन होता क्योंकि उनको मैं प्यार करता हूं. उन्हें देखकर मैं बड़ा हुआ हूं. इसलिए वे फिल्में नहीं की. हां, एक फिल्म की, जो मेरी पहली लीड रोल फिल्म है. इससे बहुत आशा है. फिल्म का नाम हैः मो मा कु (मोटर माचिस कटर). कमर्शियल फिल्म है. शूट हो चुकी और लगभग तैयार है.


-83 में आप यशपाल शर्मा के रोल में जमे थे...
-पहले मुझे मदन लाल के रूप में कास्ट किया जा रहा था. मगर हार्डी संधू से उनकी बात हो गई और वह मदन लाल के अंडर में क्रिकेट भी खेले हैं. अतः मुझे फिर यशपाल शर्मा का रोल मिला.


-इधर सिनेमा बदल रहा है. आपने सात उचक्के, मेरठिया गैंगस्टर और सोन चिरैया जैसी फिल्में की. यह कंटेंट कमर्शियल से अलग था. अब किस तरह के रोल ऑफर हो रहे हैंॽ
-मेरे जैसे एक्टरों के लिए इधर कुछ खास नहीं बदला है क्योंकि हमारे यहां कहानियां अभी भी हीरो के इर्द-गिर्द लिखी जा रही हैं. बदलाव के बावजूद बॉलीवुड दर्शक आज भी हीरो को देखना चाहते हैं. 83 को ही लें, तो भले ही आप मदन लाल, यशपाल शर्मा की चर्चा करें परंतु लोग उसे कपिल देव और रणवीर सिंह के पॉइंट ऑफ व्यू से देख रहे हैं. इससे मुझे परेशानी नहीं हैं, लेकिन तब मैं अपने आप से सवाल करता हूं कि मैं क्यों नहीं फिर ऐसे रोल मेंॽ


-निश्चित ही आपको इंडस्ट्री में लंबा अर्सा हो चुका है!
-मैं 2009 से काम कर रहा हूं. मैंने सर्वाइवल के लिए, कभी पैसों के लिए काफी रोल किए. कभी डायरेक्टर की बात रखने को काम कर लिया और ठीक रोल न होने पर भी मान गया. परंतु ऐसे मामलों में अक्सर धोखा ही खाया. अब फैसला कर किया है कि ऐसा नहीं करना है. गुजारे की बात है तो वह कर ही लेंगे. अब यही चाहता हूं कि जो डायरेक्टर ले तो मेरे लिए अच्छा रोल लिखे, जो अंत में देखने वालों को याद रह जाए.


-अभी तक जो आपने रोल निभाए हैं, क्या उनमें कुछ हैं कि लोग देखें तो परफॉरमेंस की चमक अलग दिखाई देगीॽ
-सेक्रेड गेम्स (वेबसीरीज, नेटफ्लिक्स) के बंटी को पॉपुलैरिटी मिली थी. सोनचिरैया में रतनलाल का कैरेक्टर, जो सेक्रेड गेम्स के बंटी से बिल्कुल विपरीत है. वह फिल्म नहीं चली और रोल की लेंथ नहीं निकली. अतः नोटिस नहीं हो पाया. बमफाड़ में जाहिद का कैरेक्टर इंट्रेस्टिंग था और उसमें लेयर्स थीं. मगर सैट पर पहुंचे तो रोल आधा रह गया. फिर कुछ एडिटिंग में कट गया और पैंडेमिक में ओटीटी पर आई इतना छंटा कि बचा ही कुछ नहीं. छलांग में भी कुछ ऐसा ही हुआ. ये फिल्में अगर चलती तो शायद कुछ और बात होती.


-आपका काम डायरेक्ट ओटीटी पर भी आया है. जबकि बड़े पर्दे का अलग क्रेज है. इस समय में सिनेमा की स्थिति पर क्या सोचते हैंॽ
-हम तो बचपन से सिनेमाघरों में फिल्में देखते हुए बड़े हुए, तो थोड़ा दुख होता है कि सिनेमा का चार्म धीरे-धीरे कम हो रहा है या खत्म हो रहा है. हां, इतना जरूर है कि मैं आज भी अच्छे काम के लिए आतुर रहता हूं. ओटीटी पर चीजें आने से यह हुआ है कि कंटेंट और एक्टर पर ध्यान दिया जा रहा है. मेरे जैसे एक्टरों के लिए तो यह है कि हमारा काम आना चाहिए और ओटीटी पर देखने वाले बहुत हैं. अतः हमें तो फायदा है. लोगों का प्यार मिलता है.


-आपकी फिल्में या काम देखें तो पता चलता है कि वह कंटेंट सिनेमा वाला रास्ता है. क्या यह आपका चुनाव थाॽ
-सच कहूं तो उस रास्ते ने मुझे पकड़ लिया. मैं सोशल मीडिया में एक्टिव रहता हूं और अपनी तरफ से इस कंटेंट वाले ब्रेकैट को तोड़ने की कोशिश लगातार करता हूं, जिससे दर्शकों को निर्देशकों को लगे कि यह सिर्फ धोती-कुर्ते वाला एक्टर नहीं है. यह सूट पहनेगा तो भी गजब दिखता है. शुरू में मुझे यह बातें नहीं जमती थी परंतु बात वही है कि अगर आपको कुछ डिफरेंट करना है, तो कुछ डिफरेंट दिखना पड़ेगा. हालांकि इन बातों के बावजूद मैं निर्देशक से कहता हूं कि आप मुझे रोल दीजिए, बाकी काम मेरा है. मैं करके दूंगा.


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