Jeetendra: हाल में जब शाहरुख खान स्टारर पठान बॉक्स ऑफिस पर हुई तो यह भी खूब चर्चा हुई कि उन्होंने ही करोड़ों रुपये खर्च करके अपनी फिल्म के टिकट खरीदे. मुफ्त में बांटे. फैन्स क्लबों को थियेटरों में भेजा. ताकि सिनेमाघर भरे नजर आएं. इस बात की सच्चाई खुद शाहरुख बता सकते हैं, लेकिन यह कोई नई और आज बात नहीं है कि बॉलीवुड सितारे अपनी फिल्मों के टिकट खरीदते हैं ताकि फिल्म थियेटर में बनी रहे. जितेंद्र को हीरो के रूप में फिल्मों में पहला ब्रेक निर्माता-निर्देशक वी.शांताराम ने फिल्म गीत गाया पत्थरों में (1964) दिया था. शांताराम को कॉमर्शियल फिल्मों का डायरेक्टर नहीं माना जाता था. ऐसे में फिल्म हिट होने के बावजूद जितेंद्र को फायदा नहीं हुआ. शांताराम ने उन्हें अपनी अगली फिल्म बूंद जो बन गई मोती (1967) के लिए दूसरी बार साइन किया.


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ताकि फिल्म थियेटर में लगी रहे
इसी फिल्म के दौरान जितेंद्र ने निर्देशक रविकांत नगाइच की फिल्म फर्ज भी शूट की. फिल्म में बबीता उनकी हीरोइन थीं. फिल्म को रिलीज हुए 12 हफ्ते हो चुके थे और इसका बॉक्स ऑफिस खराब जा रहा था. ट्रेड और वितरकों ने इसे फ्लॉप बता दिया था और इसे थियेटरों से उतारने की तैयारी होने लगी थी. यह खबर मिलते ही जितेंद्र सक्रिय हुए और उन्होंने धड़ल्ले से फिल्म के सारे टिकट खुद खरीदने शुरू कर दिए. ताकि फिल्म को थियेटरों से न उतारा जाए. जितेंद्र को लग रहा था कि अगर फिल्म तीन हफ्ते और चलकर 15वें हफ्ते में पहुंच जाए, तो आगे चल सकती है. यही हुआ भी. 15वें हफ्ते से फिल्म के कलेक्शन धीरे-धीरे बढ़ने लगे और आगे चलकर यह बड़ी हिट साबित हुई. फर्ज 1967 में तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म साबित हुई.


और जितेंद्र का नाम पड़ गया...
फिल्म के गाने खूब हिट हुए और जितेंद्र का उछल-कूद वाला डांस लोगों को पसंद आ गया. इसी फिल्म ने जितेंद्र के डांस को इतना लोकप्रिय बनाया कि उन्हें जंपिंग जैक कहा जाने लगा. यहां से जितेंद्र का करियर चल पड़ा. फर्ज साउथ की एक फिल्म का रीमेक थी और निर्माता इसमें फिरोज खान को लेना चाहते थे. उन्होंने एक निजी ट्रायल में फिरोज खान को वह फिल्म दिखाई, मगर उन्हें पसंद नहीं आई. शशि कपूर और मनोज कुमार जैसे सीनियर एक्टरों ने भी यह फिल्म करने से इंकार कर दिया था. अंततः जितेंद्र को निर्माताओं ने साइन किया. बाद में खुद जितेंद्र ने माना कि इस फिल्म से उन्हें उम्मीद नहीं थी. बल्कि वह 1967 में ही रिलीज हुई बूंद जो बन गई मोती के हिट होने की उम्मीद कर रहे थे. मगर हुआ उल्टा.


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