Christian Characters Bollywood: किसी भी एक्टर का करियर उसी तरह से चढ़ता-उतरता है, जैसी उसकी फिल्मों की चॉइस होती है. लेकिन यह एक ऐक्टर की कहानी है, जिसे जानकर आपको विश्वास नहीं होगा कि एक गलती करियर को इस तरह से तबाह कर सकती है. यह बात है एक्टर विक्रम की. उनका पूरा नाम विक्रम मकानदार था. 1970 और 1980 के दशक में विक्रम बॉलीवुड में करियर बना रहे थे. हालांकि उन्हें ए ग्रेड की फिल्में नहीं मिल रही थी परंतु धीरे-धीरे वह अपनी जगह पक्की करते जा रहे थे. इस दौरान उन्होंने जूली साइन की क्योंकि साउथ के बड़े मेकर्स इसे बना रहे थे. फिल्म रिलीज हुई 1975 में. निर्देशक के.एस. सेतुमहादेवन की यह फिल्म एक ईसाई परिवार की लड़की जूली की कहानी थी. फिल्म सुपर हिट रही और इसके गानों ने धूम मचाई. परंतु विक्रम के करियर को इस फिल्म से तगड़ा झटका लगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बोल्ड कहानी, श्रीदेवी का डेब्यू
जूली एंग्लो-इंडियन लड़की की कहानी थी, जिसके पिता शराबी हैं और मां का घर में रौब चलता है. जूली का एक छोटा भाई और छोटी बहन है. जूली को अपनी बेस्ट फ्रेंड के भाई (विक्रम) से प्यार हो जाता है. लड़का हिंदू है. दोनों नजदीक आते हैं और जूली प्रेग्नेंट हो जाती है. जूली की मां उस दूसरे शहर में भेजती है, जहां वह बच्चे को जन्म देने के बाद लौटती है और उस लड़को को हकीकत बताती है. इसके बाद की कहानी रोचक है. फिल्म अपने समय के हिसाब से बहुत बोल्ड थी और जूली की बहन के रोल में श्रीदेवी थीं. तब उनकी उम्र मात्र 11 साल की थी. श्रीदेवी की यह पहली हिंदी फिल्म थी. साउथ की एक्ट्रेस लक्ष्मी ने जूली का रोल निभाया था. फिल्म में राजेश रोशन का संगीत था. बतौर संगीतकार यह उनकी पहली फिल्म थी और उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार मिला.


जीवन की सबसे बड़ी गलती
फिल्म तो काफी पसंद की गई लेकिन विक्रम को इस हीरोइन सेंट्रिक फिल्म से काफी नुकसान हुआ. वह फिल्म से इतने नाराज हुए कि बाद में एक इंटरव्यू में कहा कि यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी. मेरा रोल बहुत ही गलत था क्योंकि सुपर हिट फिल्म में आपका रोल सुपर हिट होना चाहिए. इस फिल्म से पहले मैं एक्शन और रोमांटिक फिल्में कर रहा था. जूली में हीरो की कोई जगह ही नहीं थी और मेरा रोल पूरी तरह दबा दिया गया था. यहां तक कि फिल्म के क्लाइमेक्स में भी उत्पल दत्त सारा क्रेडिट ले जाते हैं. जूली रिलीज होने के बाद मुझे कई फिल्मों से हटा दिया गया. विक्रम ने अपने इंटरव्यू में कहा कि इस फिल्म से पहले मैंने बीस फिल्में साइन की थी, परंतु जूली रिलीज होने के बाद एक भी फिल्म मुझे हीरो को रूप में नहीं मिली. खैर, लंबे समय बाद गाड़ी पटरी पर आई और विक्रम को फिर काम मिलने लगा. लेकिन उनकी हीरो वाली इमेज को धक्का लग चुका था और बाद में उन्हें कैरेक्टर आर्टिस्ट के रोल ज्यादा ऑफर हुए.


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi, अब किसी और की जरूरत नहीं