Nanda Tragic Life: बात आज 50 से 70 के दशक तक चर्चाओं में रहीं एक्ट्रेस नंदा कर्नाटकी (Nanda Karnataki) की, जिन्हें ना सिर्फ बेहतरीन फिल्मों बल्कि पर्सनल लाइफ के लिए भी जाना जाता है.नंदा के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वे वादे की बड़ी पक्की थीं यही नहीं वे दूसरों की मदद करने में भी पीछे नहीं हटती थीं. नंदा पूरी लाइफ अविवाहित ही रहीं थीं. वहीं कपूर खानदान के एक एक्टर की किस्मत चमकाने के पीछे भी नंदा का ही हाथ था. क्या थी गुजरे जमाने की इस चर्चित एक्ट्रेस की कहानी, यही आज हम आपको बताने जा रहे हैं. 


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शशि कपूर को सुपरस्टार बनाने वाली नंदा ही थीं


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चोटी की एक्ट्रेस होने के बावजूद नंदा न्यूकमर्स के साथ काम करने में जरा भी नहीं हिचकिचाती थीं. नंदा ने अपने करियर की शुरुआत 1948 में आई फिल्म ‘मंदिर’ से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर की थी. वहीं, ख़बरों की मानें तो नंदा 1956 में रिलीज हुई फिल्म ‘तूफान और दिया’ से पॉपुलर हो गईं थीं. वहीं नंदा ने शशि कपूर का करियर बनाने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी.बताते हैं कि शशि कपूर की एक के बाद एक पांच फ़िल्में फ्लॉप हो चुकीं थीं और उन्हें एक हिट फिल्म की तलाश थी. ऐसे में शशि कपूर को ये हिट फिल्म नंदा के साथ 1965 में मिली. दोनों ने फिल्म ‘जब जब फूल खिले’ में काम किया था जो एक सुपरहिट फिल्म साबित हुई और इस फिल्म ने शशि कपूर के डूबते करियर को पंख लगा दिए थे. 


ताउम्र अविवाहित रहीं थीं नंदा 


नंदा ताउम्र अविवाहित रहीं थीं. एक्ट्रेस के घरवालों ने उनकी शादी करने की खूब कोशिशें की लेकिन वे नहीं मानीं. बताया तो ये भी जाता है कि बॉलीवुड के कई बड़े स्टार्स नंदा के प्यार में पागल थे लेकिन एक्ट्रेस ने इनमें से किसी से भी शादी नहीं की थी. हालांकि, उम्र के आखिरी पड़ाव में यानी 52 साल की उम्र में एक्ट्रेस ने फिल्ममेकर मनमोहन देसाई से सगाई की थी लेकिन एक हादसे में फिल्मकार की मौत के बाद वे ताउम्र एक विधवा की तरह रहीं थीं.