Nawazuddin Siddique Career: अब भले ही यह बात खुलकर सामने आ रही है कि नवाजुद्दीन सिद्दिकी किसी साधारण परिवार से फिल्म इंडस्ट्री में आए हैं और उन्हें परिवार की सैकड़ों करोड़ की पुश्तैनी जायदाद का सहारा शुरू से था. मगर इससे उनके संघर्ष के दिनों की कहानियां कम नहीं हुई हैं. न ही इस बात से किसी को इंकार हो सकता है कि उन्हें लुक या रंग की वजह से कई बार फिल्मों में रिजेक्शन झेलना पड़ा. नवाज ने स्ट्रगल किया और फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाओं से शुरुआत की. ऐसा भी हुआ कि किसी फिल्म में उनकी छोटी-सी भूमिका रही और एडिटिंग में उस पर भी कैंची चल गई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गांधी के विचार
यह बात है निर्माता-निर्देशक-लेखक कमल हासन की फिल्म हे राम की. फिल्म में कमल हासन के साथ रानी मुखर्जी, वसुंधरा दास, अमरीश पुरी के साथ शाहरुख खान भी एक छोटी-सी मगर अहम भूमिका में थे. हे राम एक पीरियड फिल्म थी, जिसमें हीरो को लगता है कि देश विभाजन की विभिषिका के दौरान उसकी पत्नी के साथ जो रेप और उसका मर्डर हुआ, उसके जिम्मेदार महात्मा गांधी के विचार हैं. वह गांधी की हत्या करना चाहता है मगर आखिर तक उसका हृदय परिवर्तन हो जाता है. कमल हासन ने बाद में एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दिकी एक असिस्टेंट के रूप में जुड़े थे.


सूट-बूट में नवाज
कमल हासन ने बताया कि फिल्म में असिस्टेंट का काम करते हुए नवाज ने फिल्म में एक छोटी-सी भूमिका भी निभाई थी. लेकिन जब फिल्म एडिटिंग टेबल पर पहुंची तो कमल हासन ने पाया कि इसकी लंबाई बहुत हो चुकी है. ऐसे में उन्होंने फिल्म पर जमकर कैंची चलाई और इस दौरान नवाजुद्दीन सिद्दिकी के पूरे रोल का सफाया हो गया. कमल हासन ने यह बात नवाजुद्दीन को नहीं बताई. आखिर जब फिल्म का प्रीमियर हुआ, तो नवाज सूट-बूट में तैयार होकर फिल्म देखने आए. उन्हें पता नहीं था कि फिल्म में उनके रोल पर कैंची चल चुकी है. फिल्म में वह लगातार खुद को ढूंढते रहे. आखिर में जब पूरी फिल्म खत्म हो गई तो वह बाहर निकल कर कार पार्किंग में पहुंच कर देर तक रोते रहे.


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे