अंतिम समय में बेहद खराब हालत में थीं रामायण की `मंथरा`, पति को भी कई दिनों बाद मिली मौत की खबर
Lalita Pawar life interesting facts: 1990 में ललिता पवार जबड़े के कैंसर की शिकार हुई. कैंसर की वजह से उनका वजन घटता गया और याददाश्त कम होती चली गई.. आखिर में इस बीमारी ने उनकी जान ले ली.
Lalita Pawar Tragic Life: 12 वर्ष की उम्र में एक्टिंग की शुरुआत कर ललिता पवार (Lalita Pawar) ने 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. करियर में बोल्ड किरदार से लेकर क्रूर सास व रामायण में मंथरा जैसा कुटिल किरदार को निभाया. वह मात्र 25 वर्ष की उम्र में करेक्टर रोल निभाने लगी थी. ऐसा एक दुखद घटना के कारण हुआ था जिसके बारे में ललिता पवार ने खुद बताया था- चंद्र राव की एक पिक्चर में भगवान दादा को डायरेक्शन का काम मिला. उन्होंने कहा कि तुम मेरी एक पिक्चर में काम करो. उस समय में कोल्हापुर में एक मराठी फिल्म के शूटिंग कर रही थी. वह लोग मुझे वहां लेने आए. मुंबई आकर मैंने शूटिंग शुरू की. फिल्म की कहानी गांव के दो मुखिया की थी जिसमें एक मुखिया दूसरे मुखिया को नीचा दिखाना चाहता है. एक मुखिया ने सोचा वह दूसरे मुखिया की लड़की को उठाकर लाए तो इससे उसकी नाक नीचे हो जाएगी.
थप्पड़ की वजह से हुआ पैरालिसिस
सीन ऐसा था कि मुखिया की लड़की और कुछ और लड़कियां तालाब में नहा रही थी. तभी कॉमेडियन और हीरो तालाब के किनारे आकर खड़े हो गए. मैं मुखिया की लड़की थी. उन्हें देखकर मुझे बहुत गुस्सा आ गया. मैंने कहा कि तुम लोग यहां क्या कर रहे हो, देखते नहीं कि यहां लड़कियां नहा रही हैं तो उन्होंने कहा कि हम तो यही खड़े होंगे. फिर तो मैं बाहर निकल कर आती हूं तो वह एक थप्पड़ मारता और उसके बाद मैं गिर जाती हूं. वह मुझे उठा कर ले जाते हैं. ऐसा सीन था तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारा मैं गिर गई और वह मुझे उठाकर लेकर गए. लेकिन मैं वाकई में बेहोश हो गई और मेरे कान में से खून निकलने लगा. दूसरे दिन मुझे पैरालिसिस हो गया और मैं मुंबई आ गई. मुंबई जब आ गई तो चंद्र राव का मुझे एक नोटिस मिला कि आप बीमार हो गई है. हमारी शूटिंग रुकी हुई है. हम दूसरी एक्ट्रेस के साथ काम करते हैं. यह बात सब अख़बारों में छप गई. पेपर में आने के बाद मेरे सारे कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल हो गए और मैं 2 साल तक बीमार रही. एक मेरा कॉन्ट्रैक्ट था हांस कंपनी का.
पति को भी नहीं लगी मौत की खबर
उन्होंने मेरा कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल नहीं किया. उन्होंने कहा कि अगर आपको तकलीफ है, तब तक हम दूसरी पिक्चर शुरू करते हैं. ठीक होने के बाद आपकी पिक्चर शूट करेंगे. उन्होंने बीच में ब्रांडी की बाटली पिक्चर शुरू कर दी. ढाई साल बाद मैं अच्छी हुई तो काम शुरू किया. वह पिक्चर उन्होंने मेरे लिए कैंसिल नहीं की. उन्होंने कहा कि यह पिक्चर करेंगी तो ललिता जी ही करेंगी, वरना यह पिक्चर नहीं बनेगी. उसके बाद बाकी पिक्चरें मिलने लगी. लेकिन हीरोइन की पिक्चरें ज्यादा नहीं मिली, मुझे कैरेक्टर रोल मिलने लगे. बता दें कि 1990 में ललिता पवार जबड़े के कैंसर की शिकार हुई. कैंसर की वजह से उनका वजन घटता गया और याददाश्त कम होती चली गई.. आखिर में इस बीमारी ने उनकी जान ले ली. कहा यह भी जाता है कि उनके मरने की खबर उनके पति को 2 दिन के बाद लगी.