Ranbir Kapoor Anushka Sharma: सेंसर बोर्ड अपने समय के हिसाब से काम करता है. वक्त के साथ समाज में चीजों को देखने के पैमाने बदलते हैं. कई दृश्य आज की फिल्मों में ऐसे होते हैं, जिन्हें 10 साल पहले सेंसर पास न करता. जबकि 10 साल पुरानी फिल्म में आपको ऐसा सीन या डायलॉग मिल जाएगा, जो शायद आज की स्थिति में सेंसर फिल्म से हटवा देता. लेकिन क्या आप विश्वास करेंगे कि 1956 में आई फिल्म सीआईडी के एक गाने में सेंसर बोर्ड ने ‘फिफी’ शब्द पर आपत्ति की थी और नतीजा यह कि फिल्म से गाना हटा दिया गया था. सीआईडी अपने समय की हिट फिल्म है. उन दिनों गाने फिल्म से काफी पहले रिलीज हुआ करते थे. गाना रिलीज हुआ और हिट हो गया. परंतु जब फिल्म सेंसर बोर्ड के पास पहुंची तो इस गाने को फिल्म में रखने की इजाजत नहीं दी गई.


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कुछ मेरे दिल में
फिल्म इतिहासकार बताते हैं कि सेंसर बोर्ड के सदस्यों ने जब फिल्म देखी तो उन्होंने गाने पर आपत्ति की. इसकी दो वजहें थीं. एक तो गाने के बोल कि यह ‘फिफी’ क्या है. जिसमें नायिका गा रही हैः कुछ मेरे दिल में फिफी, कुछ तेरे दिल में फिफी, जमाना है बुरा. बोर्ड के सदस्यों ने इस ‘फिफी’ को आपत्तिजनकर और अश्लील माना. जबकि फिल्म के संगीत निर्देशक ओपी नय्यर ने कहा कि यह सिर्फ शब्द यूं ही डाल दिया गया क्योंकि वह गाने के मीटर में फिट करने के लिए कोई सही शब्द नहीं ढूंढ पाए! परंतु सेंसर को यह तर्क जमा नहीं. इस गाने को लेकर सेंसर बोर्ड के सदस्यों को एक और बात खटकी. उनका कहना था कि एक सीआईडी अफसर (देव आनंद) पर नेगेटिव कैरेक्टर वाली लड़की (वहीदा रहमान) इस तरह अपना जादू नहीं चला सकती. गाने में दिखाया गया था कि नायक लगातार खलनायिका के जाल में उलझता जाता है.


सब कुछ यहां है सनम
गाने के बारे में वहीदा रहमान का एक अन्य पक्ष है. पर्दे पर वही यह गाना गा रही थीं. वहीदा रहमान के अनुसार सेंसर को फिफी पर समस्य नहीं हुई थी. असल में गाने की जो लाइन है, जाती कहां है दीवाने, सब कुछ यहां है सनम.... इस लाइन को सेंसर बोर्ड ने आपत्तिजनक पाया था. उन्होंने बताया था कि सेंसर बोर्ड ने कहा था कि इन पंक्तियों को फिर से लिखा जाए और गाना फिर से शूट किया जाए. लेकिन यह संभव नहीं था क्योंकि तब देव आनंद किसी अन्य फिल्म की शूटिंग के लिए स्विट्जरलैंड में थे. फिल्म का निर्माण गुरु दत्त ने किया था. तो गाना रेडियो पर तो चल गया, मगर फिल्म में नहीं रह पाया.


बॉम्बे वेलवेट में फिर से
उस दौर में यह गाना लोगों में हिट हो चुका था, इसलिए आज यह गाना तो मिलता है मगर इसके वीडियो फुटेज गायब हैं.  असल में उन दिनों सेंसर के निर्देश के बाद फिल्म से जो कुछ भी सीन काटे जाते थे, उन्हें नष्ट कर दिया जाता था. अब रोचक बात यह है कि कुछ साल पहले निर्देशक अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्म बॉम्बे वेलवेट (2015) में इस गाने का नया वर्जन तैयार किया था. फिल्म में रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा लीड रोल में थे. अनुष्का पर फिल्माया गया था. इस आप यूट्यूब पर देख-सुन सकते हैं.


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