Mahesh Manjrekar: रणदीप हुड्डा के निर्देशन में बनी फिल्म स्वातंत्र्यवीर सावरकर निर्माता और निर्देशक के नामों को लेकर विवादों में उलझती जा रही है. पिछले हफ्ते फिल्म के अभिनेता-निर्देशक रणदीप हुड्डा ने दावा किया कि उनके पास फिल्म के सारे बौद्धिक संपदा अधिकार हैं. तब निर्माता आनंद पंडित और संदीप सिंह ने इन दावों का खंडन किया. अब एक्टर-निर्देशक महेश मांजरेकर भी इस मुद्दे पर सामने आ गए हैं. उन्होंने रणदीप पर इस उनकी फिल्म को हाईजैक कर लेने के आरोप लगाए हैं. बॉलीवुड हंगामा से विशेष बातचीत में मांजरेकर ने बताया है कि निर्माताओं ने शुरुआत में स्वातंत्र्य वीर सावरकर को निर्देशित करने के लिए उन्हें साइन किया था.


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रेगिस्तान में तूफान
मांजरेकर ने सितंबर 2022 में फिल्म छोड़ दी और उनकी जगह रणदीप हुड्डा ने निर्देशन संभाल लिया था. मांजरेकर ने रणदीप हुड्डा के हस्तक्षेप के कारण उन्हें फिल्म छोड़नी पड़ी. अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए उन्होंने एक कहानी सुनाई. मांजरेकर ने कहा कि एक बार की बात है, रेगिस्तान में तूफान आया. ऊंट के मालिक अरब सरदार को बुरा लगा कि रेत ऊंट की आंखों में जा रही थी. इससे ऊंट को मुश्किल हो रही थी. तब उस अरब ने ऊंट को अपना सिर को तंबू में कर लेने दिया. लेकिन धीरे-धीरे ऊंट पूरा का पूरा तंबू में घुस गया और उसने अपने अरब मालिक को बाहर फेंक दिया.


पांच साल किया काम
मांजरेकर ने कहा कि जिस बात ने मुझे दुख पहुंचाया, वह यह थी कि ऐसा लग रहा था मानो रणदीप ने मुझे धीरे-धीरे फिल्म से बाहर करने की योजना बनाई. वह कहानी के ऊंट बन गए थे. मांजरेकर ने कहा कि उन्होंने पांच साल तक वीर सावरकर की कहानी पर काम किया. वही इस विषय को निर्माता संदीप सिंह और आनंद पंडित के पास ले गए. वे लोग फिल्म बनाने के लिए तैयार हो गए, तो लीड रोल के लिए रणदीप हुड्डा का नाम आया. लुक टेस्ट में रणदीप इस रोल में फिट बैठे. उन्हें तब साइन किया गया. मांजरेकर ने आरोप लगाया कि धीरे-धीरे रणदीप इस प्रोजेक्ट में अपना महत्व बढ़ाते चले गए और उन्होंने शूटिंग में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया. आखिरकार एक दिन स्थिति आई कि मांजरेकर ने निर्माताओं से बात की. तब निर्माताओं ने रणदीप हुड्डा का पक्ष लिया. मांजरेकर ने कहा कि हो सकता है कि उन्हें आज अपनी लगती का एहसास हो रहा हो.