Rekha In Kamasutra: रेखा ने इस फिल्म में पढ़ाए कामसूत्र के पाठ, महिलाओं के लिए अलग से चले थियेटरों में शो
25 Years Of Kamasutra-A Tale Of Love: भारत की धरती पर लिखा गया कामसूत्र पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. मीरा नायर ने जब इसे अपनी फिल्म में बुना तो हर तरफ हंगामा खड़ा हो गया. भारत में इससे बोल्ड फिल्म आज तक नहीं बनी. छह फरवरी को इंडिया में इसकी रिलीज को 25 साल हो रहे हैं. आज भी इस फिल्म की चर्चा होती है.
Rekha Films: रेखा को फिल्मों में काम करते हुए 50 साल से ज्यादा हो चुके हैं. उन्होंने तमाम तरह की भूमिकाएं पर्दे पर निभाईं. जिनमें से कुछ बहुत चर्चित हुईं. इन्हीं में एक है, निर्देशक मीरा नायर की फिल्म कामसूत्रः अ टेल ऑफ लव में रसदेवी का रोल. अंतरराष्ट्रीय प्रोड्यूसरों द्वारा बनाई गई यह फिल्म छह फरवरी 1998 को भारत में रिलीज हुई थी. वह दौर था, जब बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड की फिल्में एक के बाद एक फ्लॉप हो रही थीं. वितरकों और एक्जीबीटरों के सामने दर्शकों को थियेटरों में लाने का संकट था. ऐसे में जब मीरा नायर की फिल्म आई तो बहुतों ने राहत की सांस ली. कामसूत्रः अ टेल ऑफ लव इससे पहले दुनिया के कई देशों में रिलीज हो कर सराही जा चुकी थी. लेकिन 16वीं सदी के राजे-रजवाड़ों की कहानी कहती इस फिल्म में जिस तरह से वात्सायन के कामसूत्र को शामिल करके न्यूड सीन फिल्माए गए थे, उनकी जबर्दस्त चर्चा थी.
काट-छांट के बाद बचा
फिल्म को सेंसर बोर्ड ने काफी काट-छांट के बाद पास किया था. इसके बावजूद बहुत कुछ बचा रह गया था. फिल्म मूल रूप से अंग्रेजी में थी, जिसे हिंदी में डब किया गया था. फिल्म में रेखा ने ऐसी लव-गुरु का रोल निभाया था, जो अपने आश्रम में युवतियों को पुरुषों से प्रेम करने के तौर-तरीके सिखाती हैं. फिल्म की मेकिंग के दौरान ही रेखा के नाम पर तमाम तरह की चर्चाएं थीं और यहां तक कहा गया कि फिल्म में वह बोल्ड दृश्यों में दिखाई देंगी. मगर ऐसा कुछ नहीं था. रेखा के करियर की यह पहली अंग्रेजी फिल्म थी. खैर, भारतीय सिनेमा के पर्दे पर आज तक इससे बोल्ड फिल्म नहीं आई. उन दिनों इस फिल्म के लिए सिर्फ युवाओं में ही क्रेज नहीं था. बल्कि हर आयुवर्ग में इसके दर्शक थे. खास बात यह कि महिलाओं में भी इस फिल्म को लेकर उत्सुकता थी और वे इसे देखना चाहती थीं. हालांकि जब फिल्म रिलीज हुई, तो शुरुआती तीन-चार दिनों में अच्छे रेस्पॉन्स के बावजूद महिलाओं की संख्या सिनेमा हॉल में जीरो बराबर थी.
शुरू हुए लेडीज स्पेशल
मुंबई के वितरक बालकृष्ण श्रॉफ ने तब एक नया रास्ता ढूंढा और उन्होंने चौथे दिन महिलाओं के लिए कामसूत्रः अ टेल ऑफ लव के अलग शो रखने का फैसला किया. मुंबई और उसके उपनगरों में दिन में करीब दस से बारह सिनेमाघरों में फिल्म का तीन बजे का शो सिर्फ महिलाओं के लिए रखा गया. यह योजना काम कर गई. मुंबई में महिला स्पेशल शो की खबर पूरे देश में फैल गई और दूसरे क्षेत्रों के वितरकों तथा सिनेमाघर मालिकों ने भी ऐसा ही किया. महिलाओं के लिए रखे गए स्पेशल शो उन दिनों बड़े शहरों में खूब देखे गए. नॉन स्टारर और बिना गानों की कामसूत्रः अ टेल ऑफ लव की बंपर ओपनिंग रही और वितरकों ने अच्छी कमाई की.
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