Bollywood Biopic Films: बॉलीवुड में इधर बायोपिक फिल्में बीते कुछ सालों से तेजी से चलन में हैं. फिल्ममेकर लगातार ऐसी कहानियों की तलाश में हैं, जो लोगों की जिंदगी को पर्दे पर उतार सकें. लेकिन आम तौर पर बायोपिक फिल्में निराश करती हैं. राजू हिरानी जैसे निर्देशक पर आरोप है कि उन्होंने संजय दत्त की बायोपिक संजू (2018) को इस सितारे की तीन घंटे लंबी विज्ञापन फिल्म बना डाला था. बायोपिक फिल्म का शानदार उदाहरण देखना हो, तो आप निर्देशक श्याम बेनेगल की भूमिका (1977) अवश्य देखें. यह फिल्म मराठी-हिंदी की 1940 से 1970 के दशक तक की एक्ट्रेस हंसा वाडकर की जिंदगी को पर्दे पर उतारती है. हंसा अपने दौर की सबसे चर्चित, सबसे बिंदास और अपने हक के लिए लड़ने वाली जुझारू महिला थीं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


एक अभिनेत्री का जीवन
भूमिका में स्मिता पाटिल ने हंसा वाडकर के रोल को जैसे जी लिया है. भूमिका एक अभिनेत्री के जीवन के तनाव भरे वर्तमान और अतीत के शोषण को सामने लेकर आती है. श्याम बेनेगल ने एक्ट्रेस का अतीत ब्लैक एंड व्हाइट तथा वर्तमान रंगीन में शूट किया है. उम्रदराज केशव (अमोल पालेकर) कैसे ऊषा (स्मिता पाटिल) के परिवार को मुसीबतों निकालकर शहर लाता है, उसे फिल्मों में काम दिलाता है, मगर फिर उसका हाथ मांग लेता है. ऊषा का परिवार केशव के एहसान तले तबा है और दोनों की शादी कर दी जाती है. परंतु केशव किस तरह से अपनी प्रसिद्ध हो चुकी एक्ट्रेस पत्नी का आर्थिक शोषण करता है और किस तरह उसके लिए सौदेबाजी करता है, यह आप फिल्म में देख सकते हैं. ऊषा अपनी आजादी को उससे छीनती है, लेकिन इसके बाद भी उसकी जिंदगी के संघर्ष खत्म नहीं होते.


क्लासिक कमाल
श्याम बेनेगन का शानदार निर्देशन तो यहां है. इस फिल्म की स्क्रिप्ट गिरीश कर्नाड, सत्यदेव दुबे और श्याम बेनेगल ने मिलकर लिखी है. गोविंद निहलानी फिल्म के सिनमैटोग्राफर हैं. स्मिता पाटिल और अमोल पालेकर के साथ फिल्म में अनंत नाग, नसीरूद्दीन शाह और अमरीश पुरी जैसे बेहतरीन ऐक्टर इस फिल्म को हर सीन में नई ऊंचाई देते हैं. हंसा वाडकर ने अपने जीवन में तमाम व्यक्तिगत कठिनाइयों का भी सामना किया. जिनमें वैवाहिक समस्याएं, शराब की लत, कई जगह अपमान और बलात्कार शामिल थे. वह प्यार-वफा के लिए कई पुरुषों के नजदीक गईं और उन्हें धोखे मिले. शादी में अलगाव के बाद बेटी को उससे दूर रखा गया. हंसा वाडकर ने अपनी आत्मकथा मराठी में लिखी, सांगते आइका (कहती हूं, सुनिए). बेनेगल ने इस एक्ट्रेस की जिंदगी को बहुत संवेदना से पर्दे पर उकेरा और स्मिता पाटिल ने अपने अभिनय से फिल्म को क्लासिक बना दिया. यह फिल्म आपको बायोपिक फिल्म का सच्चा आनंद देगी. यह फिल्म आप जियो सिनेमा और यूट्यूब पर फ्री देख सकते हैं.


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे